मिशन 2024 के लिए सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियां कर रही है. विपक्षी दलों ने मन बना लिया है कि ‘24’ के चुनावों में बीजेपी सरकार को हराना है लेकिन बीजेपी की लोकप्रियता पूरे देश में इतनी है कि बीजेपी को हराना मुश्किल हो जाता है. इसी कड़ी में पटना में विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई. पहली बैठक के बाद ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल शामिल नहीं हुए. वह प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए. बता दें कि उन्होंने बैठक में शामिल होने से पहले भी एक शर्त रखी थी जिसको लेकर ही शायद वह अचानक फैसले ले रहे हैं.
‘आप’ ने जारी किया स्टेटमेंट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल के जाने के बाद आम आदमी पार्टी ने स्टेटमेंट जारी करके कहा कि, ‘कांग्रेस केंद्र सरकार के काले अध्यादेश पर अपना रुख साफ करें नहीं तो उनके साथ किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे.’ वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री निवास एक अणे मार्ग में हुई इस बैठक में 15 पार्टियों के नेता मौजूद रहे. करीब ढाई घंटे बैठक चली जिसमें कॉमन मिनिमम प्रोगाम सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हुई. अब बताया जा रहा है कि विपक्षी पार्टियों की अगली बैठक शिमला में 10 से 12 जुलाई के बीच हो सकती है.
विपक्षी दलों की बैठक के क्या मायने?
आपको बता दें कि सीएम आवास में ज्वॉइंट प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि, ‘अगली बैठक जल्द की जाएगी और इसी बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा कि कौन कहां से कैसे लड़ेगा.’ वहीं, प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि, ‘हिंदुस्तान की नींव पर हमला हो रहा है. बीजेपी-आरएसएस आक्रमण कर रही है. मैंने मीटिंग में कहा है कि हम सब एक साथ खड़े हैं ,सभी पार्टी में थोड़ा-थोड़ा अंतर है लेकिन एक साथ काम करेंगे. जो बातचीत की है उसे अगली मीटिंग में और भी ज्यादा आगे बढ़ाएंगे.’ बताते चलें कि आगामी 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर विपक्षी दल एकजुट होने की कोशिश कर रहा है, इसी के चलते बिहार के पटना में विपक्षी दलों की ‘महाबैठक’ हुई. अब देखने वाली बात होगी कि इन बैठकों का आगामी चुनाव पर कैसा असर पड़ेगा.