लोकसभा और राज्यसभा में तीनों नए कृषि कानूनों को लेकर बिल पास किया जा चुका है लेकिन आंदोलन अभी भी जारी है. ऐसे में सवाल उठता है कि अब ये आंदोलन कब खत्म होगा, तो हो सकता है कि इस सवाल का जवाब आज मिल जाये. सूत्रों के मुताबिक, आज यानि की बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की आपात बैठक बुलाई गयी है. इस बैठक में करीब 42 किसान संगठनों के नेता होंगे जो विज्ञान भवन में केंद्र सरकार से हुई बातचीत में शामिल थे. दरअसल, काफी समय से चल रहे इस आंदोलन को खत्म करने की कोशिश की जा रही है, इसलिए इस बैठक का मकसद मोर्चा के सभी नेताओ में आंदोलन खत्म करने के सर्वमान्य तरीके पर सहमति बनाने की कोशिश होगी.
वहीं, अगर सर्वसम्मिति बनी तो आज ही किसान आंदोलन की समाप्ति या रणनीति को लेकर घोषणा की जा सकती है लेकिन सबसे अहम बात ये है की अगर सर्वसम्मिति नहीं बनती है तो किसान संगठनों की फूट खुलकर सामने आएगी. इसके अलावा मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने स्पष्ट तौर पर बताया है कि सभी घटक संगठनों की बैठक 4 दिसंबर को होगी. बैठक में पीएम मोदी को लिखे गए पत्र में उठाये गए कई महत्वपूर्ण बिन्दुओ पर चर्चा होगी. आपको बता दें कि, दिल्ली के अलावा एनसीआर क्षेत्र में किसानों के आंदोलन से लगभग 60 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हुआ है. इस बात की जानकारी खुदरा व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने दी. बताते चलें कि यह आंकड़ा विभिन्न राज्यों में कैट की रिसर्च टीम से प्राप्त इनपुट पर आधारित है.
इसके अलावा आपको ये भी बता दें कि, केंद्र सरकार नए तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मामलें पर बातचीत करने के लिए मान गयी है. जानकारी के मुताबिक, सरकार ने इसके लिए समिति बनाने की खातिर किसान संगठनों से पांच नेताओं के नाम मांगे हैं.