मैं खुद चलाकर ले जाऊंगा ट्रेन, जानिए गोरखपुर के इस व्यापारी ने रेलवे से क्यों की ऐसी मांग…

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निजी ट्रेन चलाकर यात्रियों को पुरी तक ले जाने के लिए एक व्यापारी ने रेलवे की भारत गौरव यात्रा योजना के तहत पारंपरिक बोगियों को लीज पर लेने के लिए आवेदन किया है. बुजुर्गों को जगन्नाथ पुरी की यात्रा कराने की मंशा से व्यापारी ऐसा करना चाहता है. बता दें कि यह व्यापारी गोरखपुर का है.

मिली जानकारी के मुताबिक, व्यापारी का कहना है कि गोरखपुर से पुरी तक कोई सीधी रेल सेवा नहीं है. इस ट्रेन के जरिए बुजुर्गों को भगवान जगन्नाथ के दर्शन कराएंगे. वहीं, व्यापारी का आवेदन आने के बाद अब रेलवे कोच उपलब्ध कराने के साथ ही औपचारिकताएं पूरी कराने में जुट गया है.

सूत्रों के मुताबिक, वाणिज्य विभाग के अफसरों का कहना है कि, कुछ और लोगों ने भी लीज के बारे में कार्यालय में पूछताछ की है. वहीं, इस तरह की ट्रेन चलने से तीर्थ यात्रियों को सहूलियत होगी. यात्री आराम से यात्रा कर सकेंगे. आपको बता दें कि लीज अवधि कोच की लाइफ तक बढ़ाई जा सकती है. इसमें खास बात यह है कि इच्छुक पार्टी खुद बिजनेस मॉडल (मार्ग, यात्रा, कार्यक्रम, टैरिफ) इन सभी का विकास या निर्णय करेगी.

दरअसल, अब इसमें मुद्दा उठता है कि व्यापारी ने पुरी तक के लिए ही क्यों ऐसा कहा तो आपको बता दें कि आवेदन के साथ ही व्यापार ने लिखा है कि कुछ समय पहले उनके समाज के लोगों को पुरी की यात्रा करनी थी. गोरखपुर से सीधी ट्रेन ना होने की वजह से वाराणसी जाना पड़ा और बस से वाराणसी जाते समय कुछ लोगों का सामान चोरी हुआ. इसकी वजह से यात्री बिना पुरी की यात्रा किए गोरखपुर वापस आ गए.

जानकारी के मुताबिक, लीज पर लेने के लिए आवेदक को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करते समय 1 लाख रुपए जमा करने होंगे लेकिन यह पैसा वापस नहीं होगा. वहीं, रजिस्ट्रेशन के बाद प्रयोग के अधिकार के लिए 15 कोच (6 थर्ड एसी, 6 स्लीपर, एस एल आर 2 और पैंट्री कार 1) के प्रयोग के लिए एकमुश्त 3761004 रुपए देने होंगे. इसके बाद लीज शुल्क 15 साल के रूप में इन्हीं 15 कोच के लिए रुपए देने होंगे. जानकारी के अनुसार, इस सब के बाद 900 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से हर टिप में परिचालन शुल्क देना होगा.