सत्र के शुरुआत में ही संसद में छिड़ेगा संग्राम , कृषि क़ानूनों की वापसी के लिए सरकार ने पेश किया बिल

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29 नवंबर यानी कि आज से संसद का शीतकालीन सत्र आरंभ होने जा रहा है इसे लेकर यह भी कहा जा रहा है कि शीतकालीन सत्र के प्रथम दिवस ही कुछ बड़े विवाद की आशंका जताई जा रही है सरकार किसानों के मुद्दों पर सहमति जरूर जताई है और सदन में विरोधी पार्टी एमएसपी के मामले पर मांग करती दिख सकती है।
साथ ही इस बढ़ती महंगाई और इस भयानक कोरोना काल मे जान गवाने वालो के लिए मुआवजों की मांग को भी लेकर आवाज़ उठायेंगे।

ये भी कहा जा रहा है कि संसद में मोदी द्वारा दिये गये आस्वासन को सरकार पूरा करती दिख सकती है और साथ ही तीनों कृषि कानून को वापस लेने के लिए बिल भी पेश कर सकती है हालाँकि इस आस्वासन के बाद भी संसद में काफी गरम माहौल बन सकता है विरोधी पार्टियां तो पहले से ही तैयार बैठी हैं एमएसपी कानून को लेकर विरोध करेंगी और साथ ही आसमान की ऊंचाइयों को छू रहे बढ़ते पेट्रोल डीजल के दामो पर भी सरकार को घेरेगी।

इससे पहले हुए 28 नवंबर को सभी पार्टियों की मीटिंग में ही जमकर बवाल हुआ और विरोधियों ने सीधे सीधे कह दिया कि वो अपनी बातों पर डटे रहेंगे कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ये भी कहा कि हमारी तरफ से सभी पार्टियों की बैठक में महंगाई किसान और कोरोना जैसे मुद्दे उठाए गए थे
सभी पार्टियों की माँग है कि MSP के लिए कानून बनाया जाए । इसके अलावा ये भी मांग रख दी गयी है कि कोरोना मृतको के परिवार को चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान करे।

सरकार शायद फिर कुछ बदलावों के साथ कृषि कानून को लाने की बात कर सकती है काँग्रेस के नेता ने इस बात अनुमान जताया है इसे लेकर उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि कानून वापस जरूर लिए है लेकिन नरेन्द्र मोदी खुद मान रहे हैं कि वे अपना संदेश ठीक तरीके से किसानों को समझा नही पाए।तो हो सकता है की कुछ परिवर्तन के साथ इसे दोबारा लाये।