यूपी में पंजाबी मूल के वो भाजपा नेता जो 32 साल में एक भी चुनाव नहीं हारे, जानिए इनके बारे में

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राजनीति एक ऐसा छेत्र है जहाँ हमेशा अपने नाम के झंडे को गाड़े रख पाना हर किसी के लिए नमुमकिन है| इस बात से कोई अनजान नहीं है कि भारत की टेढ़ी राजनीति को समझाना कितना मुश्किल है लेकिन जो जिसे समझ गया और जिसने इसमें अपना झंडा हमेशा के लिए गाड़ दिया वो बन जाता है यहाँ का सिकंदर | आज हम आपको भारतीय राजनीति में कदम रखने वाले एक ऐसे ही व्यक्ति की कहानी बताने जा रहें हैं जिसे राजनीति के इस दंगल में 32 साल से कोई नहीं हरा पाया |

विधानसभा चुनाव के एलान के साथ राजनीति के माहिर खिलाडियों की चर्चा होना आम बात है | इसी तरह इस बार शाहजहांपुर की राजनीति में सबसे चर्चित नाम बनकर उभरें हैं सुरेश खन्ना | सुरेश खन्ना आज चर्चा का विषय अपनी लगातार जीत के लिए हैं | उत्तर प्रदेश की राजनीति कितनी टेढ़ी है और इसमें धर्म जाति का कितना बड़ा रोल है ये बात आखिर कौन नहीं जनता | उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ते समय आप चुनाव हारेंगे या जीतेंगे ये आपकी जाति और धर्म पर कितना निर्भर करता है ये तो सब जानते हैं | लेकिन आज बात हो रही है एक ऐसे नेता कि जिसने जाति और धर्म से परे राजनीति में राज किया है और वो नाम है भारतीय जनता पार्टी के पंजाबी मूल के नेता सुरेश खन्ना का |

आपको बता दें कि सुरेश खन्ना ने अपना पहला चुनाव साल 1989 में जीता था | एक बार जितने के बाद उन्हें हार के पायदान तक कोई नहीं ले जा पाया | यानि की 32 साल से उन्हें कोई नहीं हरा पाया और 32 साल से लगातार वो चुनावों में अपनी जीत दर्ज करते आ रहें हैं | इस जीत की डोर को आजतक कोई नहीं तोड़ पाया |

1953 में जन्मे सुरेश खन्ना ने आजतक शादी नहीं की और वो अपने भाई के परिवार के साथ ही रहते हैं | सुरेश खन्ना का राजनीति में आगमन कोई अचानक नहीं हुआ बल्कि अपने पढाई के समय से ही उन्हें राजनीति की और जाना था | उन्होंने लखनऊ युनिवर्सिटी से एलएलबी की पढाई पूरी की | सबसे पहले सुरेश खन्ना ने लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा ,जिसके बाद वो बीजेपी में शामिल हुए और पहली बार 1989 में विधायक पद को संभाला | इसके बाद उनकी जीत के इस सिलसिले ने रुकने का नाम नहीं लिया और वो 1991,1993 ,1996,2002 ,2007 ,2012 और 2017 तक लगातार शाहजहांपुर में अपनी जीत दर्ज करते रहे |

ऐसा होने के पीछे सबसे बड़ा हाथ है सुरेश खन्ना के बात ,व्यव्हार और अपने कार्य के प्रति ईमानदारी का | उनके कर्तव्यनिष्ठा के गुण ने उन्हें लोगों के दिल का राजा बना डाला और यही कारण है की लोग उन्हें इतना पसंद करते हैं | सब जानते हैं भले ही इस समय राजनीति में धर्म और जाति का बोलबाला हो लेकिन नेकदिली इससे भी ऊपर आती है | इसका सबसे बड़ा उदहारण हैं कि शाहजहांपुर में अच्छी खासी मुस्लिम संख्या हैं इसके बावजूद भी वहां के लोग धर्म और जाति से ऊपर उठकर सुरेश खन्ना को वोट करते हैं और लगातार 32 -33 साल से सुरेश खन्ना चुनाव जीत रहे हैं |

एक समय हुआ करता था जब शहर के कटिया टोले इलाके की हालत बत से बत्तर थी लेकिन सुरेश खन्ना ने उस इलाके में जान भर दी | उन्होंने वहां शहीद स्मृति पार्क,म्यूजिकल फाउंटेन , खानौत नदी के बिल्कुल बीचो बीच एक 104 फीट की हनुमान जी की मूर्ति बनवाई | यूपी की राजधानी लखनऊ में पत्रकारिता कर रहे विशाल नाम के पत्रकार का कहना है कि, ‘व्यवहार और स्वभाव। यही सुरेश खन्ना की व्यक्तित्व के खास पहलू हैं। अगर कोई बिरादरी के वोटबैंक के हिसाब से देखे तो खन्ना तीसरे या चौथे नंबर पर भी नहीं रहते। वह भाजपा के ऐसे नेता हैं, जिन्हें अल्पसंख्यक भी वोट दिया करते हैं। शुरुआती दिनों में रफायतुल्लाह खान जैसे नेता ने भी आगे बढ़ने में सहयोग किया।’