अमेरिका ने धमकाया नाटो ने धमकाया लेकिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन को किसी का डर नहीं है . पुतिन बिना अच्छा बुरा सोचे बस युक्रेन पर मिसाइलों की बारिश करे जा रहें है . युक्रेन भी अपनी ताकत के अनुसार उसका सामना कर रहा है . न तो रूस मानाने को तैयार है और न युक्रेन . लेकिन युक्रेन से इतनी नफरत पुतिन के मन में अभी से पैदा नहीं हुई बल्कि ये सोवियत यूनियन संघ टूटने के वक़्त से है . जब सोवियत संघ टूटा तब पुतिन केजीबी के जासूस थे और वो एक 20 साल पुरानी मशीन को लेकर पूर्वी जर्मनी से रूस के लेनिनग्राड पहुंचे थे . उनके अंदर तभी से एक बदले की ज्वाला बन रही थी . जो लोग पुतिन को जानते है या जो उनपर निगाहें रखते हैं उनका मानना है कि जब 1989 में बर्लिन की दिवार गिरी थी तभी से जर्मनी में इस जंग के बीज मन में पड़ गये थे .
जिस वक्त पुतिन ने केजीबी के जासूस के रूप में काम किया तब उन्हें बस 20,000 रूपये मिलते थे उन्होंने 15 साल तक अपने जासूस के पेशे में काम किया . क्या आपको पता है कि पुतिन अपने माता -पिता की अकेली संतान थे . उस समय उनकी माता एक लैब क्लिनर थी और उनके पिता एक फोनमैन हुआ करते थे साथ ही वो एक कम्युनिस्ट पार्टी के मेंबर भी हुआ करते थे . जब नाजी सेना ने लेनिनग्राड पर हमला बोल कर उस पर कब्जा किया था तब पुतिन की माँ बच गयी सही सलामत . जब उनकी माँ 41 साल की थी तब उन्होंने पुतिन को जन्म दिया था . पुतिन के और दो भाई थे लेकिन वो बचपन में ही गुजर गये . पुतिन एक चूहों से भरे फ्लैट में रहा करते थे एक बार तो एक बड़ा चूहा उनके ऊपर भी कूद गया था . पुती ने के माता-पिता उन्हें एक चमत्कारी बच्चा मानते थे . जब पुतिन छोटे हुआ करते थे उन्हें लड़ने का बहुत शौक था और वो जुडो में ब्लैक बेल्ट भी जीते थे .
‘लेनिनग्राड की सड़को पर 50 साल पहले मैंने एक सबक सीखा था , अगर लड़ाई अपरिहार्य हो तो आपको सबसे पहले घूसा मारना चाहिए .’ यह बात पुतिन के द्वारा 15 साल पहले कही गयी थी . उन्होंने न सिर्फ ये बात बोली बल्कि वो अभी तक अपने इस नियम पर कायम दिख रहे हैं . सबने कई बार पुतिन को चेतावनी दी लेकिन पुतिन युक्रेन से अपनी सेना टस से मस करने को तैयार नहीं है .