पानीपत का वो युद्ध, जिससे भारत में मुग़ल साम्राज्य स्थापित हुआ…

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भारत की धरती पर ना जानें कितनी ही लड़ाइयां लड़ी गयीं हैं. पानीपत की लड़ाई भी अनेकों लड़ाई में से प्रमुख लड़ाई थी. पानीपत का पहला युद्ध ऐसा हुआ जिस ने भारतीय इतिहास को एक अलग दिशा की ओर ही मोड़ दिया. इस युद्ध के बाद भारत में मुगल वंश की नींव रखी गयी और भारत में मुगल साम्राज्य आरंभ हुआ.पानीपत वह स्थान है जहाँ बारहवीं शताब्दी के बाद से उत्तर भारत पर नियंत्रण को लेकर कई निर्णायक लड़ाइयाँ लड़ी गईं. पानीपत महाभारत के समय पांच पांडव भाइयों द्वारा स्थापित 5 शहरों में से एक था. इस शहर का नाम “पांडुप्रस्थ” था. यह भी माना जाता है कि महाभारत युद्ध के समय दुर्योधन ने पांडवों से जो 5 शहर मांगे थे उन शहरों में से एक शहर यह भी था. बाद में इस शहर का नाम पानीपत पड़ा. पानीपत हरियाणा राज्य में स्थित है. यह दिल्ली के बहुत नजदीक है. यह दिल्ली से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

बाबर…

बाबर दिल्ली को जीतना चाहता था. उस वक्त दिल्ली का सुल्तान इब्राहिम लोदी था. जो अफ़गानी था. ये युद्ध 21 अप्रैल 1526 में लड़ा गया था. यह युद्ध सम्भवतः बाबर की महत्त्वाकांक्षी योजनाओं की अभिव्यक्ति थी. यह युद्ध दिल्ली के सुल्तान इब्राहीम लोदी एवं बाबर के मध्य लड़ा गया. 12 अप्रैल 1526 को ही दोनों सेनायें पानीपत के मैदान में आमने-सामने थीं पर दोनों के मध्य युद्ध का आरम्भ 21 अप्रैल को हुआ. ऐसा माना जाता है कि इस युद्ध का समापन दोपहर तक ही हो गया था युद्ध में इब्राहीम लोदी बुरी तरह से परास्त हुआ था.

युद्ध नीति

बाबर ने अपनी कृति ‘बाबरनामा’ में इस युद्ध को जीतने में मात्र 12000 सैनिकों के उपयोग किया था. किन्तु इस विषय पर इतिहासकारों में मतभेद हैं. इस युद्ध में बाबर ने पहली बार प्रसिद्ध ‘तुलगमा युद्ध नीति का प्रयोग किया था. इस युद्ध में बाबर ने तोपों को सजाने में उस्मानी विधि का प्रयोग किया था. बाबर ने तुलगमा युद्ध पद्धति उज्बेकों से ग्रहण की थी. पानीपत के युद्ध में बाबर ने अपने दो प्रसिद्ध निशानेबाज उस्ताद अली एवं मुस्तफा की सेवाएं ली. यह उन पहली लड़ाइयों में से एक थी जिसमें मुगलों ने बारूद, आग्नेयास्त्रों और तोपों का प्रयोग किया था.

तुलुगमा युद्ध नीति:

इसका अर्थ था पूरी सेना को विभिन्न इकाइयों- बाएँ, दाहिने और मध्य में विभाजित करना बाएँ और दाहिने भाग को आगे तथा अन्य टुकड़ियों को पीछे के भाग में विभाजित करना. इसमें दुश्मन को चारों तरफ से घेरने के लिये एक छोटी सेना का उपयोग किया जा सकता था.

अरबा युद्ध नीति:

केंद्रीय फ़ॉरवर्ड डिवीज़न को तब बैलगाड़ियाँ (अरबा) प्रदान की जाती थीं जिन्हें दुश्मन का सामना करने वाली पंक्ति में रखा जाता था और ये जानवरों की चमड़ी से बनी रस्सियों से एक-दूसरे से बंधे होते थे. अरबा के पीछे तोपों को रखा जाता था ताकि पीछे छिपकर दुश्मनों पर प्रहार किया जा सके.

परिणाम

पानीपत का प्रथम युद्ध इतिहास का एक निर्णायक युद्ध था जिसमें लोदियों की पराजय हुई और बाबर की जीत हुई. इस युद्ध के पश्चात लोदी वंश पूरी तरह समाप्त हो गया व दिल्ली और पंजाब से उनकी सत्ता पूरी तरह से समाप्त हो गई. इस युद्ध के परिणामों को देखते हुए लेनपूल ने स्पष्ट करते हुए कहा कि पानीपत का युद्ध दिल्ली के लिए विनाशकारी सिद्ध हुआ और उनका राज्य नष्ट हो गया. युद्ध समाप्त होने के बाद बाबर को दिल्ली से अपार धन की प्राप्ति हुई जिसको उसने अपनी प्रजा एवं सैनिकों में बाँट दिया था. पानीपत के प्रथम युद्ध के पश्चात अफगानों को अपनी सैनिकों की अयोग्यता का अहसास हुआ जिसके बाद उनमें अपनी सेना को मजबूत बनाने का निर्णय लिया और तेजी से अपनी शक्ति का संगठन करते हुए सेना को मजबूत बनाने का प्रयास करना आरंभ कर दिया. बाबर द्वारा पंजाब पर पहले ही अधिकार कर लिया गया था और युद्ध के पश्चात उसने दिल्ली और आगरा में भी अधिकार कर लिया. अपनी सभी कठिनाइयों को दूर करके बाबर एक विशाल साम्राज्य का स्वामी बन गया और उसने भारत में 1526 ई . में एक नए साम्राज्य ‘ मुगल साम्राज्य ‘ की स्थापना की. पानीपत के युद्ध के बाद मुगलों ने भारत में धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना की जिसमें उन्होंने धर्म को राजनीति से अलग करके सभी धर्मों के लोगों के साथ एक समान व्यव्हार को अपनाया.