रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 6 दिसंबर को भारत आएं. महज 5 घंटे के लिए पुतिन का भारत दौरा रहा जिसे काफी अहम माना जा रहा है. रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. बता दें कि पुतिन 21वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में शामिल होने आए थे.
आपको बता दें कि ये वही पुतिन हैं जो रोम में आयोजित हुए जी-20 के शिखर सम्मेलन नहीं गए. ग्लासगो में हुए पर्यावरण सम्मेलन COP26 में भी नहीं पहुंचे. यहां तक कि उन्होंने अपना चीन का हाई प्रोफाइल दौरा भी टाल दिया. हालांकि, वो इसी साल जिनेवा में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मिले थे. वहीं, भारत देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत के दौरान शुरूआत में ही कह दिया कि, मैं जानता हूं पिछले 2 वर्षों में ये आपकी दूसरी विदेश यात्रा है और आपका भारत के प्रति जिस तरह से लगाव है उसका ये एक प्रकार से प्रतीक है.
दरअसल, पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन कोरोना महामारी के पहले आपस में मिल चुके थे फिर कोरोना के दौरान फोन और वर्चुअल मीटिंग के जरिए दोनों की आपस में बातचीत होती रही. इससे पता चलता है कि दोनों नेताओं के बीच संबंध काफी अच्छे रहें हैं.
बताते चलें कि इस बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की. जानकारी के अनुसार, इस बैठक में दोनों देशों के बीच कई डील पर मुहर लगी है जिसमें सबसे खास है AK203 का निर्माण. जानकारी के मुताबिक, इसका निर्माण उत्तर प्रदेश के अमेठी में किया जाएगा. बता दें कि AK203 को इस समय दुनिया की सबसे बेहतरीन और अचूक रायफल के तौर पर गिना जाता है. वहीं, दोनों देशों के बीच रक्षा, स्पेस, परमाणु ऊर्जा, तकनीक, स्वास्थ्य, कृषि और सांस्कृतिक आदान प्रदान को लेकर अहम बात हुई है.