पेंशनर्स के लिए सरकार की बड़ी पहल, अब नही देना होगा ये सर्टिफ़िकेट

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सरकार ने पेंशनर्स की सहूलियत के लिए सराहनीय कदम उठाया है। दरअसल केंद्र सरकार ने पेंशनर्स के लिए फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी चेहरा पहचानने वाली एक खास टेक्निक लॉन्च किया है। इसके तहत अब पेंशनर्स को लाइफ सर्टिफिकेट दिखाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। फेस डिटेक्ट करते ही उनका ‘लाइफ सर्टिफिकेट’ प्रमाण जमा हो जाएगा।

इस खास तकनीक को लॉन्च करते हुए कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘इससे रिटायर्ड और बुजुर्ग पेंशनर्स को काफी सुविधा होगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा की चेहरा पहचानने वाली इस टेक्नोलॉजी की मदद से पेंशनर्स के जीवित होने की पुष्टि की जा सकेगी। केंद्र सरकार ने पेंशनर्स के लिए ही ‘लाइफ सर्टिफिकेट’ के प्रूफ के तौर पर अब नई तकनीक ‘फेस रिकग्निशन’ जारी किया है।

गौरतलब है कि सभी पेंशनर्स को साल के एंड में अपना लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना होता है। असल में ये सर्टिफिकेट प्रूफ होता है कि पेंशनर जीवित हैं और इसी बेस पर उन्हें रिटायर्ड और बुजुर्ग पेंशनर्स की पेंशन जारी रखी जाती है। बता दें कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने ट्वीट कर ‘यूनीक़ ‘face recognition technology’ लॉन्च किया, और कहा की इससे देश में करोड़ों पेंशनधारकों को आसानी से एक मोबाइल ऐप के जरिए लाइफ सर्टिफिकेट सब्मिट करने में मदद मिलेगी।’

राज्यमंत्री ने कहा, ‘केंद्र सरकार पेंशनर्स की जरूरतों को लेकर संवेदनशील रही है और परस्पर उनके जीवन को आसान बनाने में लगी रहती है। वर्ष 2014 में सत्ता में कदम रखने के बाद सरकार ने पेंशनर्स के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की फैसिलिटी शुरू की थी। अब चेहरा पहचानने वाली इस टेक्नोलॉजी से उन्हें और भी मदद मिलेगी।’ राज्यमंत्री ने बताया कि लाइफ सर्टिफिकेट देने के लिए चेहरा पहचानने वाली इस टेक्नोलॉजी की शुरुआत एक ऐतिहासिक और दूरगामी सुधार है। इससे न केवल केंद्र सरकार के 68 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा बल्कि EPFO और राज्य सरकारों से पेंशन पाने वाले लोगों के लिए भी यह फायदेमंद साबित होगा।कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने बयान जारी कर, इस मौके पर राज्यमंत्री ने इस तकनीक को सामने लाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एंव सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ ही विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को धन्यवाद दिया है.