माना कि सादगी का दौर नहीं ,मगर सादगी से अच्छा कुछ और नहीं । इस बात को बखूबी से निभाते दिखी कर्नाटक की तुलसी गौड़ा । जी हाँ ! आपने बिल्कुल सही सुना जिनसे आज एक मामूली शख्श से लेकर देश के प्रधानमंत्री तक प्रभावित है PM मोदी ने उनकी तारीफ़ में कोई कसर नही छोड़ी 72 साल की तुलसी गौड़ा नंगे पांव चल कर राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री लेने पहुँची । तुलसी अब तक करीब 30 हजार से ज्यादा पेड़ पौधे लगा चुकी हैं। उन्हें पौधों और जड़ी-बूटियों की विविध प्रजातियों का व्यापक ज्ञान है
पर्यावरण संरक्षक तुलसी गौड़ा हालही में 9 नवंबर को पद्मश्री सम्मान लेने के लिए पहुची।देश के 73 मशहूर लोगों में कई औरतें थी उनमे से एक तुलसी जी भी थी जिन्होंने सभी का दिल जीत लिया वो जब पद्मश्री का अवॉर्ड लेने गयी तो उन्हें देख कर सभी लोग काफी आश्चर्य चकित थे उन्होंने आदिवासी वेश भूषा धारण की थी वो अपने शरीर पर एक कपड़ा लपेटकर और नंगे पैर ही सम्मान लेने आयी थी उनकी इसी सादगी ने सभी को खुश कर दिया इंटरनेट पर भी उनकी फोटोज खूब डाली जा रही हैं लोगों ने तो इसे इमेज ऑफ द डे लिख कर खूब तस्वीरे इंटरनेट पर पोस्ट की । उनकी सादगी से प्रभावित होकर पीएम मोदी और अमित शाह ने भी उनको नमन किया पिछले करीब 6 वर्षो से वो समाज सेवा करती आ रही हैं
कर्नाटक के होनाली नाम के गाँव से ताल्लुक रखने वाली तुलसी जी 30 हजार से भी अधिक वृक्षारोपण कर चुकी है तुलसी जी कभी स्कूल नही गयी जबकि उनके पास पेड़ पौधो और अनेक महत्वपूर्ण जड़ी बूटी की भी अधिक जानकारी है कर्नाटक के हलक्की जन जाती से सम्बंध रखने वाली तुलसी गौड़ा जी को इनसाइक्लोपीडिया ऑफ फॉरेस्ट भी कहा जाता है हालांकि ग़रीबी के कारण उनका जीवन अत्यंत कस्टकारी रहा।जब वो केवल तीन वर्ष की ही थी उन्होंने अपने पिता जी को खो दिया वह अभी बहुत छोटी ही थी तभी से अपनी माता के साथ नर्सरी में काम के लिए जय करती थी वो बारह वर्ष की उम्र से ही पेड़ पौधे लगती आ रही हैं बारह वर्ष से ही वह वन विभाग के नर्सरियों में जाती थी और उनकी सेवा करती थी वो कई काम करती थी जैसे पेड़ पौधो के बीजों को जुटा कर गर्मियों के समय उनकी देखभाल करती और समय आने पर उन्हें बो दिया करती थी वो भी एक आम औरत की तरह ही मिट्टी के चूल्हे पर भोजन पकाती हैं और उनके खाने पीने की चीजो से लेकर सभी चीजें सामान्य हैं ऐसी सादगी का कोई भी दीवाना हो जाए प्रभावित हो जाए ।