महाराष्ट्र सरकार में अपनी आख़िर बाधा को भी पार कर चुके महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अब किसी भी बात को लेकर पूछे गए सवाल का खुलकर जवाब दे रहे है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने खुलासा किया है कि शिवसेना के पार्टी प्रमुख और तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे का बर्ताव उनके साथ बिलकुल भी सही नहीं था. इसके अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ये भी खुलासा किया है कि उन्होंने बीजेपी के साथ सरकार बनाने के लिए एक या दो बार नहीं बल्कि पाँच बार कोशिश की थी. आपको बता दें कि सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा में हुए फ़्लोर टेस्ट में शिंदे सरकार ने 164 विधायकों का समर्थन हासिल कर विश्वास मत जीत लिया है. वहीं शिंदे सरकार के विपक्ष में 99 वोट पड़े थे.

महाराष्ट्र विधानसभा में भारी मतों से विश्वास मत जीतने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि ”मुझे बहुत समय से दबाया जा रहा था. जब मैं मंत्री था तो मुझे दिये गए विभाग में हर बार दखल दिया जाता था. मुझे बालासाहब ठाकरे और आनंद दीघे ने कभी भी अन्याय सहन नहीं करना सिखाया था. एमएलसी चुनाव के बाद मैं खुद गया मैंने कॉल करना शुरू किया”.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ये भी आरोप लगाए कि राज्यसभा चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी का बर्ताव उनके प्रति और भी ज्यादा बुरा हो गया था. इन समय उन्होंने MVA सरकार मुख्यमत्री के उम्मीदवार को लेकर भी चर्चा की. एकनाथ शिंदे ने बताया कि ”MVA सरकार के गठन के दौरान मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे पहले मेरे ही नाम की चर्चा थी, लेकिन बाद में मुझे बताया गया कि शरद पवार उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. मुझे अजीत पवार ने बताया कि NCP ने मुख्यमंत्री पद के लिए मेरे नाम का बहुत विरोध नहीं किया था,लेकिन शिवसेना में ही विरोध था”.

आगे मुख्यमंत्री शिदें ने बताया कि ”मैंने बगावत के समय मन बना लिया था कि मैं अब अपने फैसले से पीछे नहीं हटूँगा”. शिंदे ने बताया कि ”शिवसेना सुप्रीमो बालासाहब ठाकरे ने एक बार कहा था कि वो कभी भी कांग्रेस और NCP में शामिल नहीं होंगें,क्योंकि ये दोनों ही शिवसेना सुप्रीमो बालासाहब ठाकरे को उनका सबसे बड़ा दुश्मन समझते थे”. उन्होंने कहा की उनका अब आगे का लक्ष्य विधानसभ चुनाव में 200 सीटें जीतने पर होगा.