ओह ! तो इसलिए होता है JCB का रंग पीला, कैसे पड़ा इसका नाम JCB ?

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JCB का इस्तेमाल तो पूरी दुनिया करती है | जहाँ भी कंस्ट्रक्शन का का काम चलता है वहां ये पीले रंग की बड़ी मशीन ज़रूर दिखाई देती है | बड़ी -बड़ी खुदाई या फिर तोड़फोड़ कराने के लिए jcb का उपयोग ही किया जाता है | लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि जिस मशीन को आप इतने कॉन्फिडेंस के साथ jcb बोलते हैं, उसका नाम jcb नहीं बल्कि ‘बैकहो लोडर‘ है | जी हाँ ! हो गए न आप भी हैरान? दरअसल , इस मशीन को बनाने वाली कम्पनी का नाम jcb है |

चलिए अब आपको बताते हैं कि इसका रंग पीला क्यों होता है

अगर आपने कभी ध्यान दिया हो तो जिस जगह कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा होता है वहां मौजूद सभी मशीनों का रंग पीला ही होता है जैसे – क्रेन ,जेसीबी | सिर्फ इतना ही नहीं वहां काम करने वाले मजदूरों के सिर पर जो हेलमेट होता है उसका रंग भी पीला होता है | इस रंग का एकमात्र कारण है विजिबिलिटी , जी हाँ ! दरअसल इस रंग को दूर से ही देखा जा सकता है | लोग दूर से ही इसे देखकर पता लगा लेते हैं कि उस जगह कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है | ये रंग दिन और रात दोनों समय आसानी से देखा जा सकता है | दूर से नजर आ जाने वाले इस रंग को सुरक्षा के लिए यूज किया गया है ताकि किसी भी तरह के खतरे को लोग दूर से देख सके और उस जगह से पर्याप्त दूरी बनाए रखें |

jcb कम्पनी करीब 80 साल से कंस्ट्रक्शन में यूज होने वाली मशीनें बना रही है | इस कम्पनी के फाउंडर थे joseph Cyrill Bamford | आपको बता दें कि jcb कम्पनी 1945 से लगातार नयी- नयी मशीनें बना रही है | कम्पनी ने सबसे पहले एक नीले और लाल रंग का बैकहो लोडर बनाया था | लेकिन बाद में 1964 में इसे पीला रंग दिया गया | तभी से jcb की सारी मशीनों का रंग पीला होता है | भारत में jcb की 5 फैक्ट्री हैं | और गुजरात के वडोदरा में इसकी 6वीं फैक्ट्री बनने का काम जरी है | इसका डिजाइन वन ग्लोबल क्वालिटी को ध्यान में रखकर किया गया है |

इस वाहन का नाम है ‘बैकहो लोडर ‘ , ये एक नहीं बल्कि दो तरह से काम करती है | इसे स्टेयरिंग नहीं बल्कि लीवर से हैंडल किया जाता है | इसमें एक तरफ क्रेन की भांति लीवर फिट होता है और एक तरफ स्टेयरिंग फिट होता है | इसमें एक तरफ लोडर भी लगा होता है | इसके आगे जो बड़ा पार्ट होता है उससे कोई भी भरी सामान उठाया जाता है |