2050 तक दुनिया बहुत बदल जाएगी. इतनी अलग कि आज के समय में गोबल लीडर और सुपरपावर होने के दम पर दादागिरी दिखाने वाला अमेरिका भी आने वाले 30 सालों में अपनी ताकत खो देगा. आर्थिक और सामाजिक तौर पर कुछ ऐसे देश इतने आगे निकल जाएंगे जिनकी आज हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.
CANADA

कनाडा नार्थ अमेरिका में स्थित काफ़ी विशाल देश है, अमेरिका से अच्छे रिश्ते होने के कारण canada को trade में काफ़ी फ़ायदा रहा, 2050 तक canada की economy 12.29 trillion डॉलर्स की हो जाएगी. पहले से ही canada एक संपन्न राष्ट्र है, वो पूरी दुनियां में अपने renowned health banking system की वजह से जाना जाता है.
France

Europe का ये देश अपने आप मे बहुत खास है आज के समय मे दुनिया मे सबसे ज़्यादा सैलानी अगर कहीं जाते हैं तो वो है फ्रांस में जाते हैं. पूरे साल भर में लगभग 8 करोड़ से ज़्यादा लोग फ्रांस में घूमने के लिए आते हैं. फ्रांस अपनी economy को आने वाले 30 सालों में स्टेबल रखने की पूरी कोशिश करेगा. उसकी प्रोजेक्टेड इकॉनमी रहेगी $12.75 trillion. फिलहाल तो इस देश में कई मूवमेंट्स चल रहे हैं. लेकिन आर्थिक मुद्दों पर फ्रांस काफ़ी शसक्त रहेगा ऐसा विशेषज्ञों का नुमान है.
Mexico

भले ही ये देश अमेरिका का पड़ोसी है, पर अभी ये काफ़ी गरीबी झेल रहा है, आज mexico के 30 प्रतिशत युवा drugs और उसकी smugling में मशगूल हैं, ऐसे ही कारणों की वजह से , लेकिन ऐसा मना जा रहा है कि 2050 तक इस देश की जीडीपी $12.81 trillion की हो जाएगी और ये कई european देशों को अपने से पीछे छोड़ देगा.
Brazil

ये नाम इस लिट में एक surprise एंट्री के जैसा है क्योंकि अगर आज किसी को ये बात कही जाए ये देश कल को $12.96 trillion की जीडीपी वाला बन जाएगा तो शायद किसी को विश्वास नहीं होगा. इस वक्त ब्राज़ील भी मेक्सिको की ही तरह drugs माफियाओं के कैपिटल बना हुआ है. लेकिन जनसंख्या बढ़ने के साथ ये देश काफ़ी प्रगति करेगा और छठी सबसे बड़ी economy बन कर उभरेगा.
United Kingdom

एक समय पे दुनिया को लीड करने वाला देश ब्रिटैन, जिसके राज में कभी सूरज नहीं ढलता था, वो 2050 तक बड़ी मुश्किल से ही अपनी economy को टॉप 5 में बनाए रख पाएगा. माना जा रहा है कि UK की जीडीपी 2050 तक $13.58 trillion की रहेगी. लेकिन brexit से आने वाले समय पर economy पे क्या असर पड़ता है, ये अभी कहा नहीं जा सकता.
Germany

Germany europe का सबसे संपन्न राष्ट्र है,तक़रीबन पिछले 100 सालों से जर्मनी टेक्नोलॉजी और मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में सबसे आगे रहा है एशियाई देशों सिर्फ़ जापान उसे टक्कर दे पाया है. 2050 तक germany की projected economy $13.71 trillion तक ही मानी जा रही है. इस देश की आबादी सिर्फ UK के बराबर है और ये आने वाले समय मे भी stable ही रहेगी, लिहाज़ा ये बाकी european देशों से तब भी काफ़ी बेहतर स्थिति में ही रहेगा.
Japan

जापान एक ऐसा देश है जो हमेशा से ही प्राकृतिक आपदाओं को झेलता आया है, उसके बावजूद भी उसने कभी हर नहीं मानी और हर बार उठ खड़ा हुआ. 2050 तक जापान की economy $16.43 trillion तक की हो जाएगी. भले ही जापान की आधी आबादी कुछ सालों में 40 से ऊपर की हो जाएगी, जिस कारण कार्य क्षमता घटेगी. लेकिन फिर भी ये देश अपनी मौजूदा pace को बरकरार रखेगा.
United States

दुनिया का पहला सुपरपावर देश जिसने दशकों तक दुनिया को अपने इशारों पर नचाया, वो आने वाले कुछ जी सालों में अपना वर्चस्व खो देगा. भले ही us की प्रोजेक्टेड इकॉनमी 32 trillion डॉलर बताई जाती है लेकिन, चीन और भारत जैसे डेवलपिंग देशों के सामने US को ट्रेड में काफ़ी घटा होगा. बाकी दुनिया के लिए उस के अलावा ट्रेड करने के लिए बेहतर विकल्प पैदा हो जाएंगे जिस वजहसे US के economy विस्तार नही कर पाएगी.
India

भारत 2050 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी economy बन जाएगा. India की projected जीडीपी 44.14 trillion तक मानी जा रही है. भारत में युवा वर्ग की तादाद 40% है. मैन पावर के दम पर आने वाले समय मे भारत काफ़ी तेज़ी से आगे बढ़ेगा. स्टेबल गवर्मेंट होने के कारण अब ये लक्ष काफी जल्दी हासिल किया जा सकता है. इस वक्त भारत की growth rate 7.8 % के दर से बढ़ रही है. इससे ये बात तो तय है कि 2022 तक भारत 5 trillion डॉलर के लक्ष को पा लेंगे और 2050 तक 2दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बन जाएगा.
China

ये नाम जान कर किसी को कोई हैरानी नहीं होगी. हम सब जानते है कि चीन ने पिछले 30 सालों में अपनी इकॉनमी का विस्तार किस तरह से किया है, और आज वो दुनिया भर में सबसे बड़ा exporter बन चुका है. China की projected economy है 49 trillion dollars. चीन के पास भी भारत की ही तरह मैन पावर का भंडार है, जिसे वो बहुत पहले से ही सही दिशा में इस्तेमाल कर रहा है. अगले10 सालों में चीन हर क्षेत्र में US को पीछे छोड़ देगा. ये बात तो तय है.