कश्मीर कभी भी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं था, कश्मीर कभी भी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनेगा. कश्मीर और पाकिस्तान दोनों भारत के हिस्से थे. हिन्दू धर्म से इस्लाम में धर्म्तरण कर लेने से इस बात को नहीं झूठलाया जा सकती की ये हिन्दुओं की ज़मीन है. पाकिस्तान क्या भारत तो इस्लाम से भी पहले से अस्तित्व में हैं. इमानदार बनें.
Kashmir was never part of Pakistan. Kashmir will never be part of Pakistan.
Both Pakistan and Kashmir belong to India. Muslims converting from Hinduism to Islam doesn’t change the fact that the entire region is Hindu Land. India is older than Islam let alone Pakistan. Be honest..— Imam Mohamad Tawhidi (@Imamofpeace) August 11, 2019
आपको सुनने में थोडा अटपटा सा लग रहा होगा क्यूंकि किसी इमाम के मुह से अपने पाकिस्तान और कश्मीर को भारत का हिस्सा बताते हुए शायद ही सुना हो. लेकिन इमाम तहीदी ने बाकी मौलानाओं से जुदा एक अलग रह चुनी है.
आपको बता दें कि इमाम ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं. ये बाकी कट्टर इस्लामिक मौलानाओं के बड़े आलोचक रहे हैं. उनको दुनिया भर में इस्लाम के रेफोर्मिस्त यानी की सुधारक की तौर पर देखा जाता है. फिलहाल वो इस्लामिक टक्करता के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. अभी कुछ समय पहले ही मेलबर्न में उनपर हमला हुआ था. दो मुस्लिम युवकों ने उनकी कार पर हमला किया था. इमाम का शांति और बहाली की बात करना शायद उनके धर्म के लोगों को पसंद नहीं आया. उनपर हुए हमले के बाद ताहिदी ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया धार्मिक कट्टरवादियों के लिए स्वर्ग बन रहा है.

गौरतलब है कि इससे पहले भी ताहिदी ने मुस्लिम महिलाओं के हिजाब पहनने की आलोचना की थी. कई मंचों पर उन्हें शरिया कानून अपनाने वाले मुस्लिम देशों की आलोचना करते हुए भी देखा गया है. उनका मानना है की इस्लामिक आतंवाद की जड़ें उनकी धार्मिक किताबों से जुड़ी हुई हैं और उनमे तब्दीलियाँ लाना बहुत जरुरी है. लेकिन अफ़सोस की बात तो ये है की जीन लोगों के भविष्य को सुधरने के लिए वो ये प्रयास कर रहे है, और अपनी फाउंडेशन चला रहे हैं ताकि इस्लाम की छवि को सुधर सकें, वही लोग उनके दुश्मनी मोल बैठे हैं.
ये हम नहीं कह रहे हैं, ये जाने माने इस्लामिक स्कालर इमाम मोहम्मद ताहिदी के शब्द हैं. उन्होंने मंगलवार रात को ये ट्वीट किया जिससे वो अब चर्चा में हैं. सोमवार को ट्विटर पर उन्होंने भारत आने की इच्छा जताई. उन्होंने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि क्या भारत में लोग मुझे जानते हैं, अगर हां तो ये ट्वीट 10 हज़ार की संख्या पार कर जाएगा. उनके ट्वीट को 16 हज़ार से भी ज्यादा लोगों ने लाइक किया और उन्हें भारत आने का आमंत्रण दे दिया. विदेश में रहते हुए भी इमाम भारत और पाकिस्तान की ख़बरों रूबरू रहते हैं.

वह अपने बयानों की वजह से ज्यादातर मुस्लिम इमामों के निशाने पर रहते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि दुनिया में जब भी कहीं आतंकी हमला होता है, तो वह सभी इमामों को इसके लिए कोसते हैं. बेल्जियम के शेहर ब्रुसेल्स में हुए ब्लास्ट के बाद उन्होंने इमामों से जिहाद पर उपदेश देना बंद करने की अपील की.
इसके बाद ताहिदी ने एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि अगर मैं भारत आया तो वहां के कट्टरवादी मुल्लाओं को इमरजेंसी छुट्टी लेकर मक्का जाना पड़ेगा. ताहिदी ने कहा है कि वह जनवरी 2018 में भारत का दौरा करेंगे. उनकी नई विचार धारा से भारत में हजारों लोग उनके फैन हैं.