साल 2013 में पश्चिम बंगाल में एक बहुत बड़ा घोटाला सामने आया था… यह घोटाला था “चिट फण्ड घोटाला”. लगभग 3000 करोड़ के इस घोटाले में बंगाल के अधिकतर लोग फंसे हुए थे… जानकारी के अनुसार शारदा ग्रुप और रोज वैली ग्रुप की कंपनियों ने गलत तरीके से निवेशकों के पैसे जुटाए और उन्हें वापस नहीं किया, पैसे ठगने के लिए कम्पनी ने लोगों से लुभावने वादे किए थे और रकम को 34 गुना करके वापस करने के लिए कहा था.
पश्चिम बंगाल के अब तक के इस सबसे बड़े घोटाले में कई नामी गिरामी नेता भी फंसे थे..
इस मामले में आपको आगे बताएं उससे पहले आप यह जान ले कि चिट फण्ड होता क्या है… चिट फंड स्कीम का मतलब होता है कि कोई शख्स या लोगों का समूह एक साथ समझौता करे। इस समझौते में एक निश्चित रकम या कोई चीज एक तय वक्त पर किश्तों में जमा की जाए और तय वक्त पर उसकी नीलामी की जाए। जो फायदा हो बाकी लोगों में बांट दिया जाए। इसमें बोली लगाने वाले शख्स को पैसे लौटाने भी होते हैं। नियम के मुताबिक ये स्कीम किसी संस्था या फिर व्यक्ति के जरिए आपसी संबंधियों या फिर दोस्तों के बीच चलाया जा सकता है लेकिन अब चिट फंड के स्थान पर सामूहिक सार्वजनिक जमा या सामूहिक निवेश योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनका ढांचा इस तरह का होता है कि चिट फंड को सार्वजनिक जमा योजनाओं की तरह ही चलाया जाता है और इसमें बड़े स्तर पर घोटाला करने के लिए कानून का इस्तेमाल किया जाता है।
शारदा चिट फण्ड घोटाला क्या है??
शारदा ग्रुप ने महज 4 सालों में पश्चिम बंगाल के अलावा झारखंड, उड़ीसा और नॉर्थ ईस्ट राज्यों में अपने 300 ऑफिस खोल लिए. पश्चिम बंगाल की इस चिटफंड कंपनी ने 20,000 करोड़ रुपये लेकर दफ्तरों पर ताला लगा दिया था.
रोज वैली घोटाला
रोज वैली चिटफंड घोटाले में रोज वैली ग्रुप ने लोगों को 2 अलग-अलग स्कीम का लालच दिया और करीब 1 लाख निवेशकों को करोड़ों का चूना लगा दिया था. आशीर्वाद और होलिडे मेम्बरशिप के नाम पर ग्रुप ने लोगों को ज्यादा रिटर्न देने का वादा किया. जिसके बाद लोगों ने भी इनकी बातों में आकर इसमें निवेश कर दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर चूना लगाने वाले इस समूह के पैर राजनीति, रियल एस्टेट और फिल्म जगत तक पसरे हुए थे. इस घोटाले में कई बड़े नेताओं का नाम भी शामिल होने की बात सामने आ चुकी है. ग्रुप एमडी शिवमय दत्ता इस घोटाले के मास्टरमाइंड बताए जाते हैं.
बंगाल के शारदा और रोज वैली चित फण्ड घोटाले से पहले स्पीक एशिया, स्टॉक गुरु जैसे चिट फण्ड घोटाले सामने आ सके हैं जो लोगों को चूना लगा चुके हैं..
इन घोटालों में आम आदमी कैसे फंसता है आप यह भी जान लीजिये
- कंपनियां ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में ज्यादा सक्रिय रहती हैं।
- दूरदराज के इलाकों में फैले हजारों एजेंटों के नेटवर्क के जरिए धन उगाही करती हैं।
- कंपनी के विज्ञापन और दस्तावेजों में बड़े-बड़े नेताओं, फिल्मी और अन्य बड़ी हस्तियों के साथ संबंध दिखाती हैं.
यह सब देख कर निवेशक कंपनी और एजेंटों पर आंख मूंद कर भरोसा कर बैठता है। कंपनियां निवेश की रकम का 25 से 40 फीसदी तक एजेंट को कमीशन के तौर पर देती हैं।
- ये कंपनियां मोटे मुनाफे का लालच देती हैं
- चिट फंड कंपनियां इस काम को मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) में तब्दील कर देती हैं। मल्टी लेवल मार्केटिंग में कंपनियां मोटे मुनाफे का लालच देकर लोगों से उनकी जमा पूंजी जमा करवाती हैं। साथ ही और लोगों को भी लाने के लिए कहती हैं।
बाजार में फैले उनके
एजेंट साल, महीने या फिर दिनों में जमा पैसे पर दोगुने या तिगुने
मुनाफे का लालच देते हैं। ललचाऊ और लुभावनी योजनाओं के जरिए कम समय में बहुत अधिक
मुनाफा देने का दावा किया जाता है जिसमें कम समय में आसानी से ज्यादा पैसा कमाने
वाले और कम पढ़े लिखे लोग, घरेलु महिलाएं बहुत जल्दी फंस जाती हैं.
कम समय में अमीर बनने की
चाहत में मध्यम और निचले तबके के लोगों के लोग अपनी गाढ़ी कमाई को चिट फंड
कंपनियों और एजेंटों के हवाले कर देते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक और सेबी की
चेतावनियों के बावजूद लाखों लोग हर साल इन
कंपनियों की जालसाजी का शिकार हो रहे हैं। हजारों करोड़ रुपये उगाहने के बाद जब
पैसों की वापसी का समय आता है, तो यह कंपनियां रफूचक्कर
हो जाती हैं और लोग हाथ मलते रह जाते हैं।
आर्थिक अपराधों पर रोकथाम के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के अधीन कई विभाग और एजेंसियों के बावजूद ठगी का धंधा खूब फैल रहा है। आप इस तरह के किसी घोटाले में ना फंसे उसके लिए ये सावधानियां बरतें :
- निवेश से पहले किसी भी चिटफंड कंपनी के बारे में पूरी जानकारी पता करें।
- सरकार ने चिटफंड के बारे में कुछ गाइडलाइन दे रखी उस पर जरूर नजर रखें। सेबी ने चेतावनी जारी कर कहा था कि वह न किसी स्कीम या शेयर में निवेश की सलाह देता है और न ही किसी स्कीम लेने की सिफारिश करता है।
चिट फण्ड ममता बनाम सीबीआई का यह मुद्दा जब सुलझेगा तब सुलझेगा.. लेकिन आप यह याद रखिये कि हर घोटालें में नुकसान सिर्फ जनता का हुआ, आम इंसान का हुआ है.. ऐसी किसी जालसाजी का शिकार आप ना बनें इसके लिए जरूरी है कि सतर्क रहे और समझदारी से ही कोई निवेश करें
online tadalafil – tadstrong.com tadalafil price
crackhead propecia – http://finasteridepls.com/ what’s propecia
propecia maker – finasteride cost finasteride for men
tadalafil pills – http://xtadalafilp.com/ tadalafil online
letter editing – best essay writing help writing a paper
Wkhzbq – http://virviaga.com/ sample viagra
Rxvorj – ivermectin 1% Zdghqv fwcjnq
Wlnyrs – erectile dysfunction cure Znoxgo yldtfp
Scdenu – lasix 40 mg Ysscqk pxsose
Ltmntu – kamagra cost Vtulzk tulhuu
Egclzb – cialis generic canada Cjuhib pqgvhv
Zopuum – sildenafil for sale uk Xdmyvw nkzxxq
Tjjuow – research paper gmo Hasvjh daslzi
Miyywk – viagra prescription nz Tiaton rmobdr
Tivdus – argumentative essay help Obspas zbmcaj
Hozzjd – is the generic propecia as effective Vrpuow npbark
Bqhcla – achter viagra international Orjnom mhnrix
Pxuoaw – over the counter propecia Yidjrc mmezgl
Slqaqv – someone help me write this essay Gbxwct fyzguf
Evbmez – what happens if you take too much sildenafil Ukmtnh cuixhh
Xlyyho – help with college homework Ksjxzt fxcqtk
Voalhn – furosemidelasixx.com Dazknr ypouhc
Kffdnp – levitra online Rbsezh afmxro