कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद ही पाकिस्तान में बवाल मचा हुआ है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के साथ कारोबार ठप कर दिया है. समझौता ट्रेन को रोक दिया है. दरअसल ये सब पकिस्तान की बौखलाहट का नतीजा है. कश्मीर में भारत सरकार के बढ़ते प्रभाव से पाकिस्तान बुरी तरह घबराया हुआ है और इसी बौखलाहट में पाकिस्तान अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं.

दरअसल आज सुबह एक खबर सामने आई कि पाकिस्तान ने भारत से कहा कि पाकिस्तान ट्रेन ड्राईवर जो समझौता एक्सप्रेस चलाते हैं वो अब ट्रेन को लेकर भारत नही आयेंगे. इसके बाद भारत की तरफ से बॉर्डर पर ट्रेन के ड्राईवर और गार्ड को भेजा गया. इसके बद ट्रेन लगभग साढ़े पांच लेकर भारत पहुंची.वहीँ पकिस्तान के रेल मंत्री ने बेहद मजेदार बात कही है. पाकिस्तानी रेल मंत्री ने कहा कि ‘जब तक वह मंत्री हैं, समझौता नहीं चलने देंगे.’
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में एक प्रेस वार्ता के दौरान वहां के रेल मंत्री शेख राशिद ने बताया कि जो बोगियां समझौता एक्सप्रेस में इस्तेमाल में नहीं लाई जाएंगी अब वे उनका क्या करेंगे. रेल मंत्री राशिद ने कहा कि ‘ईद पर दो विशेष ट्रेनें चलेंगी. हम ट्रेन के शेड्यूल, टाइमिंग, कोच और हाइजीन को बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे. 38 ट्रेनों के होने से हम सात मिलियन से अधिक यात्रियों को सफर कराने और 10 बिलियन रुपये कमाने में सक्षम हैं.’

दरअसल शिमला समझौते के तहत समझौता ट्रेन सेवा की शुरूआत 22 जुलाई 1976 को की गयी थी . गौरतलब है कि भारत की तरफ से यह ट्रेन दिल्ली से अटारी के बीच जबकि पाकिस्तान की ओर से यह लाहौर से वाघा के बीच चलती है . भारत पाकिस्तान के बीच जब भी तनाव बढ़ता है तो सबसे पहले ट्रेन और बसों पर प्रतिबंध लगाया जाता है. हालाँकि पाकिस्तान ने ट्रेन बंद करने का एलान तो कर दिया, पाकिस्तान के रेल मंत्री ने कसम तो खा ली लेकिन सवाल तो यही है कि इस ट्रेन के चलने से सबसे ज्यादा फायदा किसे होता था. कई सारे पाकिस्तानी इसी ट्रेन के जरिये भारत आते थे और अपना इलाज करवाते थे.