समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में CAA का विरोध कर रही है, और अखिलेश यादव इसको लेकर चर्चाओं में भी हैं. हाल ही में उन्होंने एक सभा के दौरान NPR (राष्ट्रीय जनसँख्या रजिस्टर) के विरोध में भी एक सभा को संबोधित किया था जिसमें उन्होंने युवा समाजवादी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए एनपीआर का कोई भी फॉर्म न भरने कि बात कही थी.

लेकिन अब समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने CAA को लेकर एक विवादित बयान दिया है ये समाजवादी नेता उत्तर प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोविंद चौधरी हैं, जो अखिलेश के करीबी माने जाते हैं, उन्होंने हाल ही में एक बयान के दौरान नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों से वादा किया है कि अगर वो इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन जारी रखेंगे तो उन्हें उनकी सरकार के आते ही पेंशन दी जाएगी.. ऐसे विवादित बयान पर एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया कि क्या सीएए का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों को उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार बनने पर लोकतंत्र स्वतंत्रता सेनानियों की तरह सम्मानित करेंगे.

पत्रकार के इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिलकुल ऐसे लोगों को सम्मान से जरुर नवाजा जायेगा और इसके साथ ही हमने ये भी वादा किया है कि हमारी सरकार अगर केंद्र या प्रदेश में आई तो ,समाजवादी पार्टी उन्हें पेंशन देने का काम भी करने वाली है क्योंकि, उन्होंने CAA के विरोध में संविधान बचाने के लिए आंदोलन किया है में ऐसा मानता हूँ कि आन्दोलन करने वाले प्रदर्शनकारी संविधान के रक्षक हैं.
गौरतलब है इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव केंद्र सरकार द्वारा लाये गए नए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर जोरदार पर हमला बोला था. इसको लेकर अखिलेश यादव ने ये भी कहा था कि बीजेपी द्वारा केंद्र में अपने बहुमत कि ताकत के बल पर लोकतंत्र को कुचलने का काम किया जा रहा है और भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में तुष्टिकरण की राजनीति करने में लगी हुई है.