Raju Srivastav: जिस मकान को पिता ने मज़बूरी में बेचा था, राजू ने 10 साल बाद आठ गुना कीमत देकर खरीदा

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कॉमेडी किंग राजू श्रीवास्तव में 21 सितंबर को इस दुनिया से अलविदा कह दिया. 42 दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद 21 सितंबर की सुबह उन्होंने दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली. राजू श्रीवास्तव के जाने से उनके परिवार समेत पूरी इंडस्ट्री शोक में है. उनका निधन इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ा लॉस हैं. कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का जन्म किदवई नगर में एन ब्लॉक में हुआ था. जिस मकान में राजू श्रीवास्तव का जन्म हुआ था उन्हें उससे बेहद लगाव था.

किदवई नगर नयापुरवा जहां राजू श्रीवास्तव का पुराना घर था वहां से बड़ों से बताते हैं कि साल 1990 में राजू के पिता रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने इस मकान को मजबूरी में सुरेश सिंह चौहान नाम के एक व्यक्ति को साढ़े तीन लाख रुपए में बेचा था. विश्वास के पिता ने यह मकान बेचा तो वह अपने परिवार के साथ कुछ दिन बारादेवी तो कुछ दिन यशोदा नगर में किराए के मकान में रहे. बता दें उसमें राजू श्रीवास्तव मुंबई में थे.

राजू श्रीवास्तव को इस बात का पता चला कि उनके पिता ने वह मकान दे दिया है तो बहुत नाराज है. उस समय राजू ने सुरेश से मकान वापस खरीदें की अपील भी की थी लेकिन बात नहीं बन पाए.

राजू श्रीवास्तव के पिता ने शिवानी नाम के पड़ोसी से भी कहा था कि वह सुरेश सिंह से मकान को लेकर बात करें लेकिन सालों तक सुरेश ने मकान नहीं देता. साल 2000 में राजू श्रीवास्तव में 24 लाख रूपये देखकर इस मकान को वापस खरीद लिया. जब राजू ने मकान खरीद लिया तो उनके पिता दोबारा परिवार के साथ वहां रहने आ गए.

राजू के छोटे भाई की पत्नी ने बताया कि जब भी राजू भैया शहर आते थे तो वह घर पर जरूर आते थे. श्रेया ने बताया कि राजू भैया कोर्स पुश्तैनी मकान से बहुत प्रेम और लगाव था. राजू भैया हमेशा कहते थे कि यहां आकर बहुत सुकून मिलता है और इसी बहाने सब से मुलाकात भी हो जाते हैं नहीं तो कोई कहां मिल पाता. जब भी राजू भैया यहां आते थे तो वह दस -पांच मिनट निकालकर पूरे इलाके का हाल-चाल लेने जाते थे