लोकसभा चुनाव में उन पार्टियों पर काफी दबाव है जिनका ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है. 2014 लोकसभा में जब कांग्रेस को करारी हार मिली तो किसी ने कल्पना नही की थी कि कांग्रेस मात्र 40 सीटो पर सिमट कर रह जायेगी. इस बार कांग्रेस इस आंकड़े से ऊपर निकलना चाहती हैं चाहे उसके लिए कुछ भी करना पड़े… अपने नेताओं को धमकाना पड़े, विधायकों को चेतवानी देना हो.. या कोई और तरीका.. पंजाब में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने मंत्रियों और विधायकों को साफ़ साफ़ निर्देश और चेतावानी दी है कि जिन मंत्रियों के क्षेत्रों में पार्टी को जीत हासिल नहीं हुई उनकी कैबिनेट से छुट्टी की जाएगी. यानी अब चुनाव में परफॉर्मेंस के आधार पर ही मंत्रियों का भविष्य तय किया जाएगा.

विधायकों को भी चेतावनी दी गयी है कि जिसके क्षेत्र में वोट कम पड़े उसे अगले विधानसभा चुनाव में टिकट नही दिया जाएगा. मतलब कैप्टन साहब ने पूरी ताकत और हर तरीका अपना रहे हैं जिससे अपने उम्मीदवारों को जीत दिलवा सके.. कांग्रेस की हालत सुधार सकें.. कैप्टन ने इस फरमान के जरिये साफ़ साफ़ निर्देश दे दिया है कि पार्टी में अब पद सीनियरटी की वजह से नही बल्कि पार्टी को मिली कामयाबी के तहत पद दिए जायेंगे. मुख्यमंत्री की तरफ से कहा गया है कि इसका मकसद परफॉर्मेंस बेस्ड कल्चर को पार्टी में बढ़ावा देना है. वहीँ पंजाब सरकार में मंत्री और बडबोले नेता नवजोत सिंह सिद्धू लगातार अपनी पार्टी के लिए ना कि पंजाब में बल्कि पूरे देश में प्रचार कर रहे हैं. बडबोले पन की वजह से ही उनपर चुनाव आयोग ने बैन लगा दिया था.. दरअसल पंजाब की सीटों पर जहाँ बीजेपी कद्दावर और बड़े नेताओं को उतार रही है.. इतना ही गुरुदासपुर से एक्टर सनी देओल के उतरने से कांग्रेस की धडकने पहले से बढ़ी हुई है और अमरिंदर सिंह का फरमान इस बात का सबूत है कि पंजाब कांग्रेस लगातार परेशान दिखाई दे रहा है.
पंजाब में कुल 13 सीटों पर लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण यानी 12 मई को मतदान होना है. पंजाब में इस बार कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बीजेपी-अकाली दल के बीच त्रिकोणीय मुकाबला था. गौरतलब है कि कांग्रेस ने इस बार पंजाब के दंगल में सुनील जाखड़, मनीष तिवारी जैसे दिग्गजों को उतारा है. तो वहीं बीजेपी की तरफ से किरण खेर, सनी देओल जैसे सिनेमा के दिग्गज मैदान में हैं. सभी 13 सीटों गुरदासपुर, अमृतसर, जालंधर, होशियारपुर, आनंदपुर साहिब, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब, फरीदकोट, फिरोजपुर, बठिंडा, संगरुर, पटियाला, खडूर साहिब पर मतदान होने वाले हैं. दरअसल पिछले लोकसभा चुनाव में पूरे देश में कांग्रेस लगभग 40 सीटों पर सिमट कर रह गयी थी..

इससे उबरने के लिए कांग्रेस इस बार किसी भी तरीके से चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना चाहती है. खुद कांग्रेस अध्यक्ष मोदी सरकार के विरोध में बोलते बोलते इतने उतावले हो जाते हैं कि बाद में उन्हें माफ़ी तक मांगनी पड़ रही हैं. प्रियंका गांधी जिन्हें लम्बे समय से पार्टी में सक्रीय करने की मांग की जा रही थी उनको भी इसी लिए सक्रीय किया गया जिससे कांग्रेस को इस मुसीबत से उबारा जा सके… लेकिन प्रियंका गांधी के पार्टी में सक्रीय होने से उतना फर्क तो नही पड़ा जितनी उम्मीदें थी.. लेकिन हाँ कांग्रेस कार्यकर्ताओं में कुछ हद तक उत्साह जरूर देखने को मिल रहा है. हालाँकि प्रधानमंत्री मोदी की दिन भर तीन से चार रलियाँ इन सब पर भारी हो रही है. जिससे कांग्रेस चिंतित है और पंजाब में इस तरफ के फरमान जारी किये जा रहे हैं.