रविवार को पेजावर मठ प्रमुख विश्वेश तीर्थ स्वामी का देहांत हो गया है, जिस पर अब देश भर से नेताओं और उनके अनुयायियों की प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं और शोक प्रकट किया जा रहा है. स्वामी विश्वेश तीर्थ की पिछले कई दिनों से गंभीर बनी हुई थी. जिसकी वजह से उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था लेकिन बीमारी से एक लम्बी लड़ाई के बाद रविवार देर रात और प्रभात के मध्य उन्होंने अंतिम सांस ली.

KMC अस्पताल से रविवार को ही उन्हें हालत ज्यादा ख़राब होने पर आखिरी समय में मठ ले जाया गया था. और इस दौरान मठ में उनका इलाज जारी रखे जाने की बात की गयी थी, लेकिन जब देर रात वो चल बसे तो रविवार सुबह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वेश तीर्थ स्वामी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. इसपर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं खुद को धन्य मानता हूं कि मुझे विश्वेश तीर्थ स्वामीजी से सीखने के कई अवसर मिले.
हाल ही में गुरु पूर्णिमा के पावन दिन की मेरी उनके साथ बैठक भी बड़ी ही यादगार रही. मेरे ऊपर उनका ज्ञान सदा ही बना रहा. उनको लेकर मेरे विचार भी वही हैं जो उनके अनगिनत अनुयायियों के हैं.’

गौरतलब है इससे पहले डॉक्टरों ने ये कहा था कि इस वक्त स्वामी जी का निमोनिया का इलाज चल रहा है और हो सकता है वो बेहद जल्द ठीक भी हो जाएँ. अब उनके निधन के बाद तमाम और नेता भी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे रहे हैं, आपको बता दें तटीय क्षेत्रों का दौरा कर रहे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा भी खुद शनिवार को उनसे मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे हुए थे. इसके बाद बाहर आकर उन्होंने मीडिया को ये जानकारी दी थी कि स्वामीजी का स्वास्थ्य हर दिन हर पल और भी बिगड़ता जा रहा है और सभी डॉक्टर अपनी तरफ से उनको बचने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. लेकिन अब डॉक्टर ये भी कह रहे हैं कि तमाम कोशिशों के बावजूद भी अब उनकी हालत में कोई सुधार नजर ही नहीं आ रहा है.
इसके बाद संवाददाताओं से अपनी बात खत्म करते हुए मुख्यमंत्री येदुयुरप्पा ने कहा था कि अब तो हमने सब कुछ भगवान कृष्ण के ऊपर छोड़ दिया है.इससे पहले भाजपा के कुछ और बड़े नेता भी प्रधानमंत्री के गुरु से दीक्षा ले चुके थे, उमा भारती भी उन नेताओं में से एक नाम हैं.स्वामी विश्वेश तीर्थ की ख़राब हालत पर उन्होंने पहले कहा था कि वह अपने गुरु के जल्द से जल्द ठीक होने के लिए लगातार प्रार्थना कर रही हैं.उमा भारती मानतीं हैं कि स्वामी समाज के सभी वर्गों के लोगों के श्रद्धेय और दुर्लभतम संत थे.