इलाहाबाद इन दिनों कुम्भ का साक्षात गवाह बना हुआ है। हर गली मोहल्लों में देश विदेश से आए लोग रुके हुए है। पूरी कुम्भ नगरी में काफी गजब नज़ारे देखने को मिल रहे है। जहां देखो वहां भगवा रंग देखने को मिल रहा है।
धूनी लगाए नागा बाबा माहौल में आस्था का रंग घोल रहे है। जिधर आप नजर दौड़ाएंगे उधर ही से ही आते गंगा मैया के जयकारे आपको रोमांचित सा कर देंगे। एक तबका ऐसा भी है जो इस बार के कुम्भ को सबसे बढ़िया बता रहा है तो एक वर्ग सरकार को गरियाने से भी बाज नही आ रहा।

ये जगह है सेक्टर 14 का स्वामी बालक योगेश्वर आश्रम,
ये आश्रम देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले रानी लक्ष्मीबाई,चंद्रशेखर आजाद,अब्दुल हमीद,हेमराज,कैप्टन विक्रम बत्रा जैसे कई बहादुरों की तस्वीरों से चारो तरफ से अटा हुआ है। आश्रम में बने 100 से ज्यादा हवनकुंडो में शहीदों के नाम हर रोज़ हवन होता है। देश की सरहदों पर शहीद हुए जवानों के साथ साथ देश को आजादी दिलाने के प्रयास में अपनी जान गवाने वाले लोगो को याद करते हुए हवन के माध्यम से श्रद्धांजलि दी जाती है। यज्ञशाला के ठीक ऊपर पूरी शान से फहराता तिरंगा आस्था के लिए आए लोगो को देशभक्ति के रंग में भी रंग देता है। आखिर राष्ट्रधर्म की ऐसी ध्वजा कहाँ लहराती होगी जहां देवता शहीद भगत सिंह और अब्दुल हमीद जैसी पुण्य आत्माएं है और आरती में वंदे मातरम गूंज रहा है।

पंडाल में हर दिन दोपहर 12.30 से 1 बजे के बीच आरती से पहले राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत होता है।
बद्रीनाथ धाम के रहने वाले बालक योगेश्वर दास की अगुवाई में ये हवन किए जाते है।2003 के जम्मू से इस तरह के हवन की शुरुआत करने वाले योगेश्वर दास का मानना है कि देश की रक्षा के लिए जान गवांने वाले लोगो को याद करना बहुत जरूरी है इसके लिए ये हवन किये जाते है।
जिस शहीद के संकल्प के लिए हवन होता है उसमें शामिल होने के लिए उस शहीद के परिवार वालो को भी बुलाया जाता है।
आस्था में देशभक्ति का जज़्बा लोगो के सिर चढ़के बोल रहा है और भारी तादाद में लोग इस पंडाल में आ रहे है।
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