पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने पूरे विश्व का ध्यान इस समय आतंकवाद जैसे मुद्दे की तरफ मोड़ दिया है…लेकिन, आतंकवाद के केंद्र पाकिस्तान पर अब भी कोई खासा फर्क़ पड़ता नहीं दिख रहा है..एक तरफ़ जहाँ पूरे विश्व भर में इस भयावह घटना की निंदा की जा रही है… वहीं पाकिस्तान निंदा करना तो छोड़िए, बल्क़ि कह रहा है कि इस घटना से उसका कोई लेना-देना नहीं है…पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले की पूरी ज़िम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली.. पाकिस्तान समर्थित इस संगठन का सरगना मसूद अजहर है, वही मसूद जिसका नाम साल 1999 में भारतीय विमान की हाई जैकिंग, 2001 में संसद पर हमले में और 2016 में पठानकोट के हमले में आ चुका है…आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं के बाद भी लगातार पाकिस्तान की जमीन पर पनप रहे आतंकी संगठनो को पाकिस्तान हमेशा से नकारता आया है.. इस घटना के बाद संयुक्त राष्ट्र अमेरिका से पाकिस्तान में आज़ादी से घूम रहे इस आतंकी और उनकी गतिविधियों पर रोक लगाने की बार-बार करने की माँग कर रहा है.

वहीं पाकिस्तान अपने यहाँ से चलने वाली वाली सभी आतंकी गतिविधियों पर बिल्कुल भी शर्म महसूस नहीं करता और कहता है.. कि वो भारत के लगाए आरोपों को ख़ारिज करता है.. लेकिन पूरे विश्व को मालूम है कि हमेशा से पाकिस्तान की धरती पर लगातार आतंकवादियों को पनाह दी जाती रही है… इसकी सूची बहुत लंबी है…लेकिन, पाकिस्तान को इससे कोई फर्क़ नहीं पड़ता.. पर इसका नतीजे में भारतीय सेना के ज़वानों को बिना किसी युद्ध के ही शहीद होना पड़ रहा है.. 2016 में उरी हमले के बाद सेना पर यह दूसरा सबसे बड़ा आतंकी मामला सामने आया है..पाकिस्तान में मसूद ने 31 जनवरी 2000 को जैश-ए-मोहम्मद नाम के आतंकी संगठन का गठन किया था। शायद, इतना काफ़ी है कि पाकिस्तान को ही इस हमले का आरोपित बताया जाए..

इसके अलावा दुनिया में सबसे ज़्यादा आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका ‘तालिबान’ 1994 में अपने अस्तित्व में आया था.. आज भी अलग-अलग देशों में यह सक्रिय है.. क़रीब 60 हज़ार से अधिक आतंकियों का इसमें शामिल होने का अनुमान है.. तालिबान की आतंकी गतिविधियों ने अफ़ग़ानिस्तान में हमेशा से ही ख़ौफ का माहौल बनाया हुआ है.. जब अमरीकी सेना ने तालिबान को वहाँ से भगाया तो आतंकियों के कर्ता-धर्ता पाकिस्तान ने उसे अपने राष्ट्र में जगह दी..

वही अलकायदा जैसे खूँखार आतंकी संगठन का मुखिया ओसामा बिन लादेन भी पाकिस्तान में ही मिला था.. आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का नेतृत्व करने वाले हाफिज़ सईद भी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है.. यह वही हाफिज़ सईद है जिस पर अमेरिका एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर चुकी है, लेकिन पाकिस्तान की मेहरबानी से हाफ़िज न नागरिकों की तरह आम जीवन जी रहा है, चुनाव के लिए पार्टी भी बना रहा है और चुनाव के लिए मैदान में उम्मीदवार भी उताररहा है…पाकिस्तान में लश्कर-ए-झंग्वी नाम का आतंकी संगठन भी पनाह पाए हुए है.. 2009 में हुए श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हुए आतंकी हमले में भी इसी संगठन का नाम आया था…
हिज़्बुल मुज़ाहिद्दिन जिसका नाम आए दिन कश्मीर में हो कही आतंकी गतिविधियों में आता रहता है, उसका गठन भी 1989 में हो गया था। इस संगठन के आतंकी कैंप पाकिस्तान की सरज़मीं से चलते हैं.. इसका मुख्यालय मुज़्फ़्फरबाद में है। इस समय इसके मुखिया सैयद सलाहुद्दीन हैं..जिसे अमेरिका ने 2017 में स्पेशियली डेजिनेटेड ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया था

वैसे आतंकी संगठन बहुत चुनिंदा है जिनके होने की ख़बर हमें मालूम है…लेकिन,जरा सोचिए एक सरज़मीं पर जहाँ इतने आतंकी संगठन पल-पोस कर बढ़ रहे हों.. वहाँ के आम जनों पर इसका क्या फ़र्क़ पड़ता होगा… वैसे भारत की तरफ से पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जितने कड़े क़दम उठाए जाएँ, वो बहुत कम हैं… पाकिस्तान का कहना है कि उसका इन सबसे कोई लेना-देना नहीं है.. इसलिए भारत उसे इससे न जोड़े..पर सोचिए, जिस पाकिस्तान में हर आतंकी संगठन अपना घर मुख्यालय बनाकर रह रहा हो, उस पाकिस्तान को इनका अनुमान बिल्कुल नहीं होगा क्या?
Znuwej – silagra 100mg Podzcw bmgbxx
Xvwwde – tadacip 2527 Roysiw kgjbdo
Qjyqud – super spedra price in india Ddylol gtxegj