दिल्ली में वोटिंग से बस चंद दिन पहले माहौल बदलता दिख रहा है. कभी शाहीन बाग़ में कोई पि’स्टल ले कर घुस जाता है तो कभी जामिया में एंटी CAA प्रोटेस्ट में गो’ली चल जाती है. और ये सब कुछ होता है वोटिंग से बस चंद दिन पहले. लेकिन जिस तरह की तस्वीरें सामने आ रही है उससे ये सवाल उठता है कि क्या ये सब कुछ प्री प्लांड था. यानी कि पूरी तैयारी के साथ ऐसा किया जा रहा है ताकि चुनाव का माहौल बदला जा सके.
ये सवाल गलत भी नहीं है. क्योंकि जामिया में हुई फा’य’रिंग की जिस तरह की तस्वीरें सामने आई उससे सबके मन में ये सवाल आया. फा’य’रिंग करने वाले शख्स की तस्वीरें एचडी क्वालिटी की है, बैकग्राउंड ब्लर है. इतना ब्लर है कि पीछे खड़े दिल्ली पुलिस के जवानों के चेहरे भी साफ़ नहीं दिखते. तस्वीर इतनी क्लियर है कि फा’यरिंग करने वाले के चेहरे पर मुहासे भी गिन सकते हैं.

सबसे ख़ास बात, वो पि’स्टल लहरा रहा है, उसने एक गो’ली चलाई लेकिन उसके सामने खड़े कैमरामैन और मीडियाकर्मियों में कोई हलचल नहीं होती, कोई घबराहट नहीं फैलती, वो उस शख्स के सामने आ कर कैंडिड तस्वीरें खींचते हैं मानों कोई फोटोशूट चल रहा हो. कहीं कोई भगदड़ नहीं मचती. मानों सब पहले से तैयार थे कि अब शख्स आएगा और गोली चलेगा, फ्रेम सेट कर लो. इतने बहादुर कैमरामैन और जर्नलिस्ट को तो 26 जनवरी को हाथी पर बैठाकर जुलूस निकालना चाहिए.
How are these journalists standing in the direct line of fire in front of this gun-wielding psycho? 😳 pic.twitter.com/unijCvw1mP
— Nalini 🌼 (@nalinisharma_) January 30, 2020
एक बात पर और ध्यान दीजियेगा. शाहीन बाग़ में भी शख्स पि’स्टल ले कर पहुँच जाता है लेकिन किसी को कोई नुकसान नहीं पहुँचता. जामिया में भीड़ पर फा’यरिंग होती है लेकिन एक कथित छात्र मामूली रूप से घा’यल होता है. शायद उसके हाथ में गो’ली लगती है. इतना स्क्रिप्टेड फोटोशूट इन सभी घटनाओं को सवालों के घेरे में लाता है.
सोशल मीडिया पर भी लोग इस तरह के सवाल उठा रह हैं. और शक जाहिर कर रहे हैं कि क्या चुनाव से चंद दिन पहले माहौल बदलने के लिए ये साजिश रची गई.


