उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना के समय में जो काम किया है उसके लिए उनकी जितनी तारीफ की जाये कम हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोरोना म’हामारी को लेकर कड़े कदम उठाए थे. जिसकी वजह से आज यूपी की हर तरफ वाहवाही हो रही हैं. योगी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान काफी ज्यादा संवे’दनशील दिखी. उसने लॉक डाउन में गरीबो, मजदूरों सबको ध्यान में रखते हुए उन सबका ख़याल रखा हैं.

योगी आदित्यनाथ ने कोरोना की वजह से लॉकडाउन के दो माह की अवधि में योगी सरकार ने 17.77 करोड़ गरीब परिवारों व जरूरतमंदों को 29.66 लाख मीट्रिक टन राशन भी आवंटित हुआ. कोरोना संक’ट में उप्र ने सबसे ज्यादा राशन बांट कर एक कीर्तिमान बनाया है. ये अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है क्योकि सरकार हर वक़्त अपने प्रदेश के लोगो को लेकर चिंतित रहती थी और रोज गरीब तबके की रिपोर्ट अपने अधिकारीयों से मांगती थी. योगी ने उन सबके खाने पीना का पूरा ध्यान रखा हैं.

जिस वक़्त लोकडाउन हुआ था उस वक़्त गरीब इंसान को सबसे बड़ी चिंता ये थी कि अब काम तो हैं नहीं तो अब खाना पीना कैसे होगा. लेकिन उस वक्त मुख्यमंत्री योगी की अगुवाई वाली सरकार ने बिना देर किए अनाज के सरकारी गोदामों को जनता के लिए खोल दिया. दो महीने से 3.55 करोड़ लोगों को हर महीने दो बार राशन मुहैया करवाना शुरू किया और पांच चरणों में चले इस अभियान के तहत 17.77 करोड़ लोगों को चावल, चना और गेहूं उपलब्ध कराया गया.

मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप खाद्य एवं रसद विभाग ने प्रत्येक लाभार्थी को सही समय पर खाद्यान्न तो उपलब्ध करवाया और ध्यान भी रखा कि हर गरीब तबके के लोगों तक ये खाने पीने का सामान पहुँच जाये. यही योगी का आदेश भी था. मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, ’31 लाख 12 हजार 258 राशन कार्ड पर 81,438.163 मीट्रिक टन खाद्यान्न को गरीबों व जरूरतमन्दों तक पहुंचाया है. इसमें 78,325.90 मीट्रिक टन चावल और 3,112.25 मीट्रिक टन चना शामिल रहा. इतना ही नहीं, इसके अलावा 11 लाख 34 हजार 942 राशन कार्ड पर 35,493.292 मीट्रिक टन निशुल्क खाद्यान्न भी बांटा गया.’ मुख्यमंत्री कार्यालय ने आगे बताया कि देश के अन्य राज्यों से वापस हुए प्रवासी 1212 श्रमिकों को 16.696 मीट्रिक टन खाद्यान्न उपलब्ध करवा कर प्रदेश सरकार ने अपनी सहृद’यता दिखाई है.एक बात तो सच है की देश के सबसे बड़े प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने अपने प्रदेश को कोरोना की वजह से लॉक डाउन होने के बाद भी गरीब मजदूर जो यहाँ थे और जो बाहर से आये थे उन सबका पूरा ध्यान रखा हैं.