किसी को डांट कर खामोश कर देना, बिगड़े हुए को कानून सिखाना, किसी को जेल भेजने की धमकी देना, भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियानों के लिए सोशल मीडिया पर बेहद लोकप्रिय और तेज तर्रार डीएम बी. चन्द्रकला जो अपने कड़क अंदाज के लिए जानी जाती है, एक बार फिर से सुर्खियों में बनी हुई हैं.

सीबीआई ने चंद्रकला के आवास पर की छापेमारी
दरअसल, डीएम चंद्रकला के आवास पर सीबीआई ने शनिवार को छापा मारा है. बी. चंद्रकला इसी वर्ष मई में अपने मूल कॉडर यानी उत्तर प्रदेश लौटी हैं. उनका लखनऊ में योजना भवन के पास सफायर अपार्टमेंट में आवास है. 2008 बैच की आइएएस अफसर बी चंद्रकला लखनऊ में हैवलॉक रोड पर सफायर अपार्टमेंट के फ्लैट नम्बर 101 में रहती हैं. सीबीआइ की टीम ने इसी आवास पर छापा मारा है. जानकारी के अनुसार, सीबीआई टीम ने घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं. इस छापेमारी के दौरान डीएम चंद्रकला अपने आवास पर मौजूद नहीं थी.सीबीआई ने ये छापेमारी इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर की है.

अवैध खनन घोटाले में हुई छापेमारी
माना जा रहा है कि यूपी के हमीरपुर में हुए करोड़ों के अवैध खनन घोटाले के सिलसिले में ये छापेमारी हुई है. इसी कड़ी में सीबीआई ने कानपुर, जालौन, हमीरपुर और दिल्ली के कई जगहों पर छापेमारी की है.
बता दें कि अखिलेश यादव सरकार में आईएएस बी.चन्द्रकला की पोस्टिंग पहली बार हमीरपुर में जिलाधिकारी के पद पर की गई थी. चंद्रकला कई जिलों की डीएम रह चुकी है. फिलहाल, बी चंद्रकला डेप्यूटेशन पर हैं.

बी. चन्द्रकला पर आरोप हैं कि 2012 में जब वो हमीरपुर की डीएम थी, उस दौरान उन्होंने मौरंग के 50 खनन पट्टे आवंटित किए थे, जबकि इसके लिए पहले टेंडर देने का नियम था । ई-टेंडर के जरिए मौरंग के पट्टों पर स्वीकृति देने का प्रावधान था. लेकिन, बी.चन्द्रकला ने सारे प्रावधानों की अनदेखी की थी.
इन अवैध खनन पट्टों को लेकर स्थानीय लोगों ने बड़ा प्रदर्शन भी किया था। साल 2015 में अवैध रूप से जारी मौरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिसके बाद कोर्ट ने हमीरपुर में जारी किए गए सभी पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए थे ।
साल 2016 में तमाम शिकायतों और याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी थी, जिसके बाद से सीबीआई इस केस की जांच कर रही है.
चंद्रकला पर पहले भी लग चुके है आरोप
उल्लेखनीय है कि साल 2017 में IAS बी. चंद्रकला अपनी संपत्ति का ब्योरा देने में डिफॉल्टर साबित हुई थीं. दरअसल, सिविल सेवा अधिकारियों को 2014 के लिए 15 जनवरी 2015 तक अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड देना था . लेकिन जिन अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया था उसमें चंद्रकला का नाम भी शामिल था.

90 फीसदी बढ़ी 1 साल में चंद्रकला की संपत्ति
केंद्र सरकार के सामान्य प्रशासन एवं प्रशिक्षण विभाग की जानकारी के अनुसार चंद्रकला की संपत्ति एक सास में उनकी संपत्ति 90 फीसदी बढ़ी. 2011-12 में सिर्फ 10 लाख रुपये थी. 2013-14 में यह बढ़कर करीब 1 करोड़ रुपये हो गई.
2011-12 में अपने गहने बेचकर और वेतन से चंद्रकला ने आंध्र प्रदेश के उप्पल में 10 लाख का फ्लैट खरीदा था. अब लखनऊ के सरोजिनी नायडू मार्ग पर अपनी बेटी कीर्ति चंद्रकला के नाम से 55 लाख का फ्लैट है. लेकिन चंद्रकला का दावा है कि ये फ्लैट उनके सास-ससुर ने उन्हें गिफ्ट में दिया था. वहीं आन्ध्र प्रदेश के अनूपनगर में भी चंद्रकला ने 30 लाख का एक मकान खरीदा है.