Buget 2022 : कहां मिली राहत और कहां तोड़ी मंहगाई ने कमर ,जानें बजट का आम लोगों की जेब पर कितना हुआ असर

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आज मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2022-23 का आम बजट संसद में पेश किया. बजट चाहे 2022 का हो या किसी और वर्ष का पूरे देश का ध्यान इस पर होता है. देश के सारे नागरिक बजट को टकटकी लगा कर देखते हैं . क्योंकि बजट से उद्ध्योग्पति से लेकर आम नागरिक सबकी जेब पर या तो अच्छा या तो बुरा असर डालता है . इस बार के बजट में भी कुछ ऐसा ही था जहां कुछ चीज़ों पर बड़ी राहत मिली तो कुछ चीजों ने जेब टाइट की . लोगों को हर साल बजट से काफी उम्मीदें रहतीं हैं लेकिन सबकी उम्मीदों पर खरा उतरना थोड़ा मुश्किल तो होता ही है. तो चलिए आपको बताते हैं की इस बार के बजट में किन चीज़ों पर मिली राहत और किन चीज़ों ने बढ़ाया सिर दर्द .

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान के कहा कि कुछ ज्यादा कीमत होने की वजह से कुछ इस्पात उत्पादों पर कुछ सीवीडी और कुछ डंपिंग रोधी शुल्क खत्म किये जा रहे हैं . साथ ही कस्टम ड्यूटी ,आयात शल्क या तो ज्यादा या तो कम करने की घोषणा हुई . इस बजट में किसानों को ध्यान में रखकर उन्हें राहत देने का भरपूर प्रयास किया गया है . खेती से जुड़े सामान सस्ते होने इसके साथ ही मोबाइल फोन चार्जर ,चमड़ा ,कपड़ा ,पैकेजिंग के डिब्बे ,पालिश्ड डायमंड ,जेम्स और ज्वैलरी सस्ते होंगे. इसके अलावा सरकार के तराशे और पॉलिश किये हीरों के साथ रत्न पर सीमा शुल्क घटाकर 5 % कर दिया गया है . विदेश से जो मशीने आती हैं वो सस्इती होंगी .सके साथ मोबाइल फोन चार्जर और ट्रांसफार्मर पर सरकार ने कस्टम ड्यूटी पर राहत दी है .

ये होगा मंहगा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया की कैपिटल गुड्स पर आयात शुल्क में जो छूट थी वो खत्म कर दिया गया है और 7.5 % आयात शुल्क लगा दिया गया है . विदेशी छाते को मंहगा कर दिया गया है तो वहीं इमिटेशन ज्वैलरी के आयात को कम करने हेतु कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गयी है . इसके साथ ही बिना ब्लेंडिंग किये गये फ्यूल को मंहगा कर दिया गया है.यानि अब बिना मिलावट वाले ईंधन पर एक अक्टूबर से दो रूपये लीटर से ज्यादा शुल्क लगेगा . इसके जरिये पेट्रोल और डीजल में जैव ईंधन की मिलावट को बढ़ावा दिया जाएगा |

इसके साथ ही निर्मला सीतारमण ने ये भी कहा कि सरकार रक्षा के छेत्र में आयात को घटाने और आत्मनिर्भरता को बढ़ने के लिए कार्य करेगी .उन्होंने बताया कि रक्षा के छेत्र में 68 % पूंजी को स्थानीय उद्योग के लिए आवंटित किया जाएगा . सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि अनुसंधान और विकास प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए सेवा के दायित्व कोष से 5% आवंटित किया जाएगा . सभी गावों के विकास के लिए भारतनेट के अंदर ऑप्टिकल फाइबर नेट को पीपीपी अनुबंध आधार पर बिछाया जाएगा . साथ ही वित्त मंत्री ने विश्व के लिए जलवायु परिवर्तन का खतरा बाहरी कारकों को बताया .और कम कार्बन विकास रणनीति के तहत रोजगार के अवसरों को समझाया .

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