दिल्ली के मुख्यमंत्री अक्सर अपने किसी ने किसी कदम के चलते सुर्ख़ियों में रहते हैं. निष्पक्ष और स्वच्छ राजनीति का वादा कर सत्ता में पहुंचे अरविन्द केजरीवाल इस समय लोगों के निशाने पर आ गये है. जिन पार्टियों और नेताओं के खिलाफ बोल कर सत्ता हासिल की थी उसी के साथ मच साझा कर लोकतंत्र को बचाने की बात कर रहे हैं.
चलिए छोडिये ये सब तो सभी नेता करते हैं..
लेकिन अभी हम बात करने वाले हैं केजरीवाल के ऐसे फैसले पर जिसे लेकर मुख्यमंत्री साहब विवादों में आ सकते है, और आम जनता से फालतू की परेशानी मोल ले सकते हैं. कुछ दिन पहले ही केजरीवाल ने दिल्ली के मौलानाओं की तनख्वाह बढाने का एलान किया था.
आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व जल मंत्री कपिल मिश्र एक ट्वीट किया जिसे देखकर आपको भी हैरानी होगी. कपिल मिश्रा लिखते हैं कि केजरीवाल द्वारा मस्जिदों को 44,000 रुपया महीना देने की घोषणा के बाद अब दिल्ली के सारे मंदिरों के बिजली कनेक्शन काटने का आर्डर……..BSES ने दिल्ली में 350 से ज्यादा मंदिरों के बिजली कनेक्शन काट दिए. …. ……केजरीवाल सरकार का आर्डर – कटेंगे सभी मंदिरों के कनेक्शन…..

अब कपिल मिश्र यहाँ यही बताने की कोशिश कर रहे हैं कि दिल्ली सरकार एक तरफ मस्जिदों को अच्छा खासा पैदा मुहैया करवा रही हैं, मौलानाओं का वेतन बढ़ा रही हैं तो दूसरी तरह मंदिरों के बिजली कनेक्शन क्यों काटे जा रहे हैं. याद हो ये वही केजरीवाल हैं जो चुनाव से पहले बिजली के खम्बे से सरकार और पुलिस के खिलाफ जाकर काटे गये लाइट के कनेक्शन जुडवाने का काम भी कर चुके हैं. ये कोई पहला मौका नही है जब कपिला मिश्र ने केजरीवाल पर तुस्टीकरण का आरोप लगाये हों. मिश्र का कहना है कि विशेष साम्प्रदाय को खुश करने के लिए केजरीवाल हिन्दू समाज को समय समय पर चोट देते रहते हैं. मंदिरों का कनेक्शन काटना केजरीवाल को बहुत भारी पड़ सकता है.
वैसे केजरीवाल इस समय लगातार अपने बयानों और उन लोगों को समर्थन देने के लिए सुर्ख़ियों में रहते हैं जिनका विरोध कर वे सत्ता में आये थे. हालाँकि देखने वाली बात यह है कि केजरीवाल के इस फैसले से किस तरह राजनीतिक हलचल दिखाई देती है.
जब केजरीवाल ने दिल्ली के मस्जिदों और मौलानाओं की सैलरी बढ़ाने का एलान किया था उस समय बी केजरीवाल के इस फैसले को लेकर विवाद हुआ था. हालाँकि तब इसे लोग धार्मिक राजनीति कह रहे थे. माना जा रहा था कि मुसलमानों को रिझाने के लिए केजरीवाल ने यह फैसला लिया था. वैसे केजरीवाल इस समय लगातार सुर्ख़ियों में बने हुए हैं, कहा जा रहा है कि केजरीवाल लगातार कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की कोशिश में लगे हुए हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी की तरफ कुछ ख़ास जवाब ना पाकर केजरीवाल परेशान हैं.
वहीँ केजरीवाल को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है. दरअसल दिल्ली के सत्ता में आने से पहले केजरीवाल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के जीजा के खिलाफ जांच करवाने की मांग करते थे लेकिन अब सीबीआई जाँच हो रही हैं तो केजरीवाल इसे जांच एजेंसियों का दुरूपयोग बता रहे हैं
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