CAA विरोधी प्रदर्शन किस तरह दश विरोधी गतिविधियों का केंद्र बना गया है ये अब किसी से छुपा नहीं रहा गया है. जैसे जैसे दिन गुजरते जा रहे हैं वैसे वैसे CAA विरोधी प्रदर्शन और उसमे हिस्सा लेने वाले प्रदर्शनकारियों का एजेंडा एक्सपोज होता जा रहा है. अभी तो शरजील इमाम का पूर्वोत्तर को भरतर से अलग करने वाले बयान पर मचा बवाल थमा भी नहीं था कि अब लेखक तपन बोस ने सेना के खिलाफ आपतिजनक बयान दे कर एक बार फिर माहौल को गरमा दिया.

बुधवार को शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारी जंतर मंतर पहुंचे. जंतर मंतर पर हो रहे प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए लेखक तपन बोस भी पहुंचे और वहां भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय सेना अपने ही लोगों को मारती है. यही नहीं इनका पाकिस्तान प्रेम भी जगजाहिर हो गया. इन्होने कहा कि पाकिस्तान हमारा दुश्मन नहीं है.
अब सवाल ये है कि अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर वामपंथी कब तक अपनी ही सेना के खिलाफ प्रोपगैंडा फैलाते रहेंगे? ये पहली बार नहीं है जब सेना को इस तरह से अपनी राजनीति चमकाने और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए निशाना बनाया जा रहा हो. दूसरा सबसे बड़ा सवाल ये है कि पाकिस्तान को लेकर इन वामपंथियों के मन में इतनी सहानुभूति और इतना प्रेम क्यों है कि अपने ही देश के रखवालों पर उंगली उठाते रहते हैं.
#WATCH Activist Tapan Bose at Jantar Mantar during anti-CAA/NRC protest: Pakistan is not an enemy country, ruling class of India & Pakistan are alike. Our armies are alike too, their army kills their people and our army kills our people, there is no difference between them. pic.twitter.com/DaVHms7dWZ
— ANI (@ANI) January 29, 2020
CAA विरोधी प्रदर्शनों में भारत विरोधी गतिविधियाँ पहले दिन से ही देखने को मिल रही है. प्रदर्शनों में बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाने के लिए PFI जैसे संगठनों द्वारा पैसे बांटे जाने की बात भी सामने आई, पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने के बयान भी सुनने को मिले.