एक खुलासे ने महाराष्ट्र की सियासत में हडकंप मचा दिया. भाजपा नेता और कर्नाटक से भाजपा के संसद अनंत कुमार हेगड़े ने महाराष्ट्र में तीन दिनों तक मुख्यमंत्री बनने वाले देवेन्द्र फडनवीस के बारे में एक सनसनीखेज खुलासा किया है. अनत हेगड़े ने बताया कि बहुमत ना होने के बावजूद भी फडनवीस मुख्यमंत्री इसलिए ताकि 40 हज़ार करोड़ रुपये बचाए जा सकें.
एक कार्यक्रम में बोलते हुए हेगड़े ने कहा, “आप सभी जानते हैं कि महाराष्ट्र में हमारा आदमी 80 घंटे के लिए मुख्यमंत्री बना. फिर फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया. उन्होंने यह ड्रामा क्यों किया? क्या हम यह नहीं जानते थे कि हमारे पास बहुमत नहीं था और फिर भी वह सीएम बने. हर कोई यह सवाल पूछ रहा है.“
हेगड़े ने आगे कहा, “वहां मुख्यमंत्री के नियंत्रण में केंद्र के 40 हजार करोड़ रुपये थे. वह जानते थे कि यदि कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना की सरकार सत्ता में आ जाती है तो वे विकास के बजाए रकम का दुरुपयोग करेंगे. इस वजह से यह पूरा ड्रामा किया गया. फडणवीस मुख्यमंत्री बने और 15 घंटे में केंद्र को 40 हजार करोड़ रुपये वापस कर दिए गए.”

शिवसेना का हंगामा
हेगड़े के इस खुलासे के बाद शिवसेना भड़क गई और उसने इसे महाराष्ट्र और महाराष्ट्र की जनता के साथ गद्दारी बताया है. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने ट्वीट करते हुए कहा कि “BJP सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने कहा है कि 80 घंटे के लिए मुख्यमंत्री बनकर देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के 40,000 करोड़ रुपये को केंद्र को दे दिया? यह महाराष्ट्र के साथ गद्दारी है.”

फडनवीस ने खुलासे को किया ख़ारिज
देवेन्द्र फडनवीस ने अनंत हेगड़े के बयान को गलत बताते हुए कहा, “जो भी खबरें चल रही है वो पूरी तरह से गलत है, मैं इसको सिरे से नकारता हूं. ऐसी कोई भी घटना घटी नहीं है. मूल रूप से जो बुलेट ट्रेन है वह केंद्र सरकार की एक कंपनी के तहत तैयार हो रही है, जिसमें महाराष्ट्र सरकार का काम केवल लैंड एक्विजिशन का है. इसलिए महाराष्ट्र सरकार के पैसे देने का कोई सवाल ही नहीं उठता. वैसे भी चाहे वो बुलेट ट्रेन हो या कोई और चीज हो तो केंद्र सरकार ने न महाराष्ट्र सरकार से पैसा मांगा और न महाराष्ट्र सरकार ने कुछ दिया. इसलिए बिलकुल गलत तरह का यह बयान है. महाराष्ट्र सरकार का बुलेट ट्रेन में रोल केवल लैंड एक्विजिशन का है. बुलेट ट्रेन ही क्या किसी भी चीज के लिए महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र को एक नया पैसा भी वापस नहीं किया है. जब मैं मुख्यमंत्री था या कार्यवाहक मुख्यमंत्री था, ऐसे किसी भी समय ऐसा कोई भी मेजर पॉलिसी डिसिजन मैंने नहीं लिया है. इसलिए यह बिलकुल गलत बयानबाजी है जिसे मैं सिरे से नकारता हूं. जिसको केंद्र सरकार और केंद्र सरकार के अकाउंटिंग सिस्टम की समझ है, उन्हें पता है कि इस तरह से न पैसा लिया जाता है न दिया जाता है. मैं बिल्कुल स्पष्ट तौर पर कहता हूं कि सरकार और वित्त विभाग भी इसकी जांच करके इसके बारे में सच क्या है, उसे जनता के सामने लाए. इस प्रकार की गलतबयानी और अगर कोई इस तरह का बयान देता है तो उस पर रिएक्शन देना भी गलत है.’