कबीर दास जी का एक दोहा है ..कि बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि, हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि…. इसका मतलब सीधा सीधा ये है की अगर हम किसी को कुछ बोल रहे है तो हमे अपने ह्रृदय के तराजू में पहले उस बात को तौलना चाहिए और फिर बोलना चाहिए , लेकिन आजकल के नेता शायद ही बोलने से पहले कुछ सोचते है ..जी हाँ इसकी वजह से ही कई बड़े नेताओं ने भी अपने विवादित बयानो की वजह से सुर्खियाँ बटोरी हैं ,तो इसमें राष्ट्रीय लोकदल (RLD)के प्रमुख अजित सिंह कैसे पीछे रह सकते थे.

जी हाँ अजित सिंह ने भी मौका मिलते ही ,पीएम मोदी और सीएम योगी के साथ-साथ केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी पर विवादित टिप्पणी कर डाली ,उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को बैल, सी एम योगी को बछड़ा और स्मृति इरानी को हेल्दी गाय कह डाला .. आपको बता दें कि यह विवादित टिप्पणी उन्होंने मथुरा में एक रैली के दौरान दी थी…

ये वही अजित सिंह है जो कल तक कहते थे ,कि भाजपा को हराना ही हमारा मकसद है। गठबंधन से ही हमारी ताकत बढ़ेगी। भाईचारा बढाकर ही भाजपा को हराया जा सकता है. जब उनका भाईचारा बढ़ाने वाला तरीका उनकी पब्लिसिटी के काम नहीं आया तो उन्होंने एक नया तरीका निकला और सोचा की बडबोले बोल से तो जरूर ही उन्हें अच्छी खासी पब्लिसिटी मिलेगी ,ज़ाहिर है चुनाव करीब आ रहे है तो कुछ न कुछ तो चाहिए ही फेमस होने के लिए पर, लेकिन अजित जी आप जिन किसानो के सामने बयान दे रहे है उनसे ज्यादा कोई नहीं समझ सकता कि बैल ,बछड़े और गाय की कीमत क्या है उनके लिए. तो अगर बयान के बाद आप ये सोच रहे है कि आपको अच्छी खासी पब्लिसिटी मिली है तो सर जी आप बिलकुल गलत है, क्योंकी हर जगह आपकी निंदा ही हो रही है…वहीँ बीजेपी में रहे जगत सिंह जो कि अपना टिकेट कट जाने के बाद बसपा में शामिल हो गए थे.

उन्होंने भी मौके का फायेदा उठाते हुए सारी सीमओं का उलंघन कर पी एम मोदी को लेकर ऐसा बयान दिया है जिसके सुनकर आपका भी दिमाग हिल जायेगा. क्या क्या बोले नेता जी , अंत में मैं ये कहना चाहूंगी कि राजनीती भी कितनी अजीब होती है जो किसी की सगी नहीं है. आज आपके साथ है तो आप अच्छे हैं कल उनके साथ तो वो अच्छे और आप बुरे.