CDS बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का 7 जन्मो का ये सफ़र कैसे ख़त्म हुआ ये तो अब पूरी दुनिया जानती है । लेकिन इनका 7 जन्मो का ये सफ़र शुरू कैसे हुआ होगा , क्या सोचा है किसी ने ? चलिए जानते है आख़िर कैसे शुरुआत हुई CDS बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के 7 जन्मो के सफ़र की । इस खूबसूरत कहानी से हमें रूबरू कराने वाले कोई और नहीं बल्कि मधुलिका रावत के भाई यशवर्धन सिंह है। मधुलिका रावत के भाई ने आँखों में नमी लिए पुरानी यादों को दोहराते हुए बताया कि उनकी बहन मधुलिका की शादी को 35 साल हो गये। उन्होंने बताया की बिपिन रावत के पिता जी ने उनकी बहन मधुलिका का हाथ माँगा था।
आगे उन्होंने कहा की क़िस्मत की मर्ज़ी से ही वो दोनों मिले थे और क़िस्मत की मर्ज़ी से ही वो दोनों साथ में गये। उन्होंने बताया की बिपिन रावत के पिता लक्ष्मण सिंह रावत भी एक सेना अधिकारी थे । और उन्होंने मधुलिका का हाथ अपने बेटे बिपिन रावत के लिए माँगा। बल्कि उन्होंने मेरे पिता को इस बारे में पत्र लिखा था और यहा से ही उनके रिश्ते शादी की शुरुआत हुई।
उन्होंने आगे बोला की ,’ हमारे नानाजी लखनऊ में रहते थे और इसलिए मेरी बहन का जन्म 1960 के दशक में वहाँ हुआ था। और सयोंग की बात ये की उनके जन्म का पता 25 अशोक मार्ग है और उनकी शादी भी दिल्ली में 25 अशोक मार्ग में हुई। , आगे उन्होंने कहा कि,’ वह 1986 का समय था। तब बिपिन रावत कैप्टन के पद पर थे और देहरादून में तैनात थे। इतनी प्यारी यादें और अब क्रूर भाग्य ने मेरी बहन और जीजा को हमसे छीन लिया’। आपको बता दें की यशवर्धन की फ़ैमिली मध्यप्रदेश के शहडोल ज़िले सुहागपुर में रहती है । यह सब बताते हुए यशवर्धन की आँखो से नमी झलक रही थी।